व्हीकल टैस्टिंग प्रोजैक्ट को केंद्र सरकार करेगी फंडिंग

Monday, May 07, 2018 - 12:12 PM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : व्हीकल्स की फिटनैस टैस्टिंग के लिए आई. एंड सी. सैंटर को इस्टैब्लिश करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा फंडिंग की जाएगी, जिसमें प्लानिंग, उपकरण, इंस्टॉलेशन, कमिशनिंग, बिल्डिंग की कंस्ट्रक्शन और सैंटर को दो साल तक ऑप्रेट करने की व्यवस्था भी शामिल होगी। जमीन प्रशासन को देनी होगी। 

मिनिस्ट्री द्वारा जो गाइडलाइंस तैयार की गई हैं उनमें यह कंडीशन भी रखी गई है कि व्हीकल्स इंस्पैक्शन सैंटर्स की भी ऑडिटिंग की जाएगी, ताकि टैस्ट रिजल्ट से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न की जा सके। इसके लिए स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की जिम्मेदारी तय होगी। ऑडिट में यह जांच की जाएगी कि सैंटर के सभी उपकरण वर्किंग कंडीशन में हों। सैंटर में क्वालिफाइड ट्रेनर की भी जांच की जाएगी, जिसके आधार पर सैंटर पर पैनल्टी भी लगाई जा सकती है।

स्टीकर्स के बिना नहीं चल पाएंगे वाहन :
गाइडलाइंस में ट्रैफिक पुलिस की सबसे अहम जिम्मेदारी तय की गई है। दरअसल, फिटनैस सर्टिफिकेट मिलने के साथ ही वाहन पर एक स्टिकर भी चिपका दिया जाएगा। यह स्टिकर इस तरह से डिजाइन किया जाएगा, जिससे ट्रैफिक पुलिसकर्मी उसे 5 मीटर की दूरी से ही देख सकें। इस तरह के स्टिकर अगर किसी वाहन पर नहीं मिलते हैं तो पुलिसकर्मी द्वारा उसे तुरंत रोका जाएगा। 

पब्लिक अवेयरनैस जरूरी :
आई. एंड सी. सैंटर्स को शुरू करने से पहले शहर में अवेयरनैस प्रोग्राम चलाना होगा। इसके लिए स्कूल, एन.जी.ओ., कम्यूनिटी बेस्ड ऑर्गेनाइजेशन, ऑटोमोबाइल एसोसिएशंस और रिसर्च इंस्टीच्यूट्स की मदद लेनी पड़ेगी। इस दौरान व्हीकल ऑनर को इस प्रोग्राम के फायदों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही लोगों को यह ऑप्शन भी दिया जाएगा कि वे एस.एम.एस., ई-मेल और फोन नंबर पर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जानकारी भी दे सकें।


 

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