हादसों का कारण बनने वाले व्हीकल्स पर शिकंजा कसने की तैयारी

Monday, May 07, 2018 - 08:29 AM (IST)

चंडीगढ़(विजय) : पिछले एक साल के दौरान शहर में 107 लोगों ने सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई। इसकी मुख्य वजह चंडीगढ़ जैसे छोटे शहर में उम्मीद से कई गुना बढ़ चुके व्हीकल्स बन रहे हैं। वाहनों की मैंटीनैंस ठीक से न होने से न केवल पर्यावरण को नुक्सान हो रहा है, बल्कि सड़क पर हादसों की संख्या भी बढऩे का मुख्य कारण बन रहा है। 

बावजूद इसके शहर में कोई ऐसा इफैक्टिव सिस्टम नहीं है जिससे ऐसे वाहनों की पहचान की जा सके, जो न केवल वायु प्रदूषित कर रहे हैं बल्कि पुअर मैंटीनैंस के कारण एक्सीडैंट की वजह भी बन रहे हैं। ऐसे में अब जल्द ही शहर में व्हीकल्स की इंस्पैक्शन का काम शुरू होगा और उन्हें सर्टिफिकेशन टैस्ट से गुजरना होगा। 

मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे (रोड सेफ्टी सैक्शन) ने चंडीगढ़ में भी इंस्पैक्शन एंड सर्टिफिकेशन (आई. एंड सी.) सैंटर के सैटअप के लिए गाइडलाइंस भेजी हैं। इसके साथ ही मिनिस्ट्री की ओर से कहा गया है कि जरूरत पडऩे पर अन्य गाइडलाइंस भी शामिल करके जल्द एक प्रोपोजल तैयार किया जाए, जिससे शहर में इन सैंटर को खोलने का काम जल्द शुरू किया जा सके। 

इसके लिए मिनिस्ट्री द्वारा वित्त वर्ष 2019-20 तक का टारगेट फिक्स किया गया है। इस पीरियड में मिनिस्ट्री उन शहरों को इंस्पैक्शन एंड सर्टिफिकेशन सैंटर सेटअप करने के लिए वित्तीय मदद देगी, जिनका नाम लिस्ट में शामिल किया गया है। इसमें चंडीगढ़ भी शामिल है। फिटनैस टैस्ट की फीस सैंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 के तहत वसूल की जाएगी। 

इस तरह होगा टैस्ट :
-सैंटर के भीतर इंस्पैक्टर द्वारा व्हीकल को सभी दस्तावेजों के साथ रिसीव किया जाएगा। इसके बाद क्लाइंट को वेटिंग एरिया में भेज दिया जाएगा। व्हीकल को लेन में लाया जाएगा, जहां उसका टैस्ट होगा। 
-सबसे पहले एमिशन टैस्ट, स्पीडोमीटर टैस्ट और बाहरी इंस्पैक्शन की जाएगी।
-इसके बाद व्हीकल का भार, रोलर ब्रेक टैस्ट, लाइटिंग और इंडिकेटिंग डिवाइस का टैस्ट होगा।
-फिर हैड लैंप टैस्ट और अंडरबॉडी विजुअल इंस्पैक्शन की जाएगी। 
-सभी टैस्ट होने के बाद टैस्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद स्टीकर जारी किया जाएगा।

              पिछले पांच वर्षों के दौरान हुए रोड एक्सीडैंट
वर्ष      फैटल एक्सीडेंट नॉन-फैटल   एक्सीडैंट  घायलों की संख्या  मौतें    
2013   114               296            335       117                   410
2014   124               245            335       131                   369
2015   124               292            331       129                   416
2016   144               284            329       151                  428
2017   103               239            302       107                  342

Punjab Kesari

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