धूप फैक्टरी में लगी भीषण आग, दम घुटने से बेहोश हुई महिलाएं

Saturday, Oct 07, 2017 - 09:30 AM (IST)

चंडीगढ़(संदीप) : रामदरबार फेज-2 में स्थित एक धूप की फैक्टरी में शुक्रवार दोपहर आग लग गई। इस घटना में फैक्टरी में फंसे 22 कर्मियों को दमकल विभाग की टीम ने पिछली दीवार तोड़कर बाहर निकाला, जिनमें 3 महिलाएं बेहोश हो गई थीं। तीनों महिलाओं को दमकल की टीम ने सैक्टर-32 अस्पताल पहुंचाया। जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। आग बुझाने के लिए दमकल विभाग की 7 गाडिय़ां मौके पर पहुंची और करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया गया। एस.एस.पी. विजय निलांबरी जगदले सैक्टर-32 अस्पताल में उपचाराधीन महिलाओं की खैरियत जानने के लिए पहुंची। 

 

दमकल अधिकारियों की मानें तो आग फैक्टरी के मुख्य द्वार के साथ लगी थी, जिसके चलते फैक्टरी में काम कर रहे कर्मी बाहर नहीं निकल पा रहे थे। उन्होंने बताया कि फैक्टरी के मुख्य द्वार के साथ ही बने एक स्टोर रूम में धूप बनाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले थिनर, सेंट व अन्य कैमिकल की कैनियां रखी गई थीं, जिन्हें दमकल टीम ने बाहर निकाल लिया, यदि कैनियां आग की चपेट में आ जातीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। 

 

प्लास्टिक के सामान से भड़की आग : 
दमकल विभाग को करीब 12:15 बजे धूप फैक्टरी में आग लगने की सूचना मिली। सूचना पाते ही दमकल विभाग की गाडिय़ां मौके पर पहुंची। टीम ने मौके पर पाया कि फैक्टरी के मुख्य द्वार से सटे बरामदे में भारी मात्रा में रखे प्लास्टिक के सामान में आग भड़की हुई है। टीम ने फैक्टरी की पिछली दीवार को तोड़कर कर्मियों को सुरक्षित बाहर निकालना शुरू किया, लेकिन इस दौरान धुएं के चलते कर्मियों की हालत बिगड़ चुकी थी। 

 

दमकल कर्मी एम्बुलैंसों में बाहर निकाले कर्मियों को सैक्टर-32 अस्पताल पहुंचे। बाहर निकाले गए कर्मियों ने दमकल टीम को बताया कि अभी कुछ महिलाएं फैक्टरी के भीतर हैं। इसकी जानकारी पाते ही दमकल कर्मी मास्क और विशेष सूट पहनकर फैक्टरी में घुसे तो 3 महिलाएं फैक्टरी में अचेत हालत में मिली। टीम ने महिलाओं को बाहर निकाला और सैक्टर-32 अस्पताल पहुंचाया। 

 

पुलिस ने भी संभाले रखा मोर्चा : 
फैक्टरी में आग की सूचना पाते ही बचाव कार्य में सहयोग करने के लिए सैक्टर-31 थाना प्रभारी जसविंद्र कौर अपनी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंची और पुलिस ने इस दौरान यहां जुटी लोगों की भीड़ को घटनास्थल से दूर रखने का काम किया। जिससे कि कोई भी व्यक्ति बचाव कार्य में बाधा न बनें और बचाव कार्य में जुटे वाहनों को घटनास्थल तक पहुंचने में परेशानी न हो। 

 

घायल कर्मियों के सैक्टर-32 अस्पताल में पहुंचाए जाने के साथ ही उनके घायल होने की सूचना पाकर उनके परिजन भी अस्पताल में जुटने लगे। इस दौरान सुरक्षा को देखते हुए अस्पताल की तरफ से सभी गेट पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई और लोगों की भीड़ को अस्पताल में जाने से रोका गया, जिससे परिजनों की यह भीड़ घायलों के उपचार कार्य में बाधा न बन सके। 

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