प्रशासन की फाइनैंशियल पावर हुई 100 करोड़

Tuesday, Dec 12, 2017 - 07:37 PM (IST)

चंडीगढ़, (विजय गौड़) : अभी तक 50 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजैक्ट या स्कीम के लिए चंडीगढ़ प्रशासक को भी मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (एम.एच.ए.) से परमिशन मांगनी पड़ती थी लेकिन अब एम.एच.ए. ने प्रशासक की पावर को बढ़ा दिया है। अब उन प्रोजैक्ट्स और स्कीमों को भी प्रशासक अपने लेवल पर अप्रूवल दे सकेंगे जिन पर खर्चा 100 करोड़ रुपए तक होना हो। एम.एच.ए. की ओर से इस बारे में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यही नहीं, अलग-अलग कामों को लेकर एडवाइजर से लेकर हैड ऑफ द डिपार्टमैंट्स की भी फाइनैंशियल पावर बढ़ाई गई है। इमरजैंसी ग्राऊंड पर डायरैक्ट परचेज के लिए एडवाइजर की फाइनैंशियल पावर 1 करोड़ रुपए से 5 करोड़ रुपए कर दी गई है। एम.एच.ए. द्वारा स्टैंडिंग फाइनैंस कमेटी के गठन के लिए भी कहा है। इसके तहत 10 करोड़ रुपए तक के प्रोजैक्ट को रखा जाएगा जबकि 10 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजैक्ट्स एडवाइजर की प्रमुखता में होने वाली वाली मीटिंग रखे जाएंगे, जिसके बाद प्रशासक की अप्रूवल इन पर ली जाएगी। 

एच.ओ.डी. की पॉवर 25 लाख : 
नॉर्मल कांट्रैक्ट और परचेज के लिए एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल, फाइनैंशियल सैंक्शन के लिए हैड ऑफ द डिपार्टमैंट की पावर 50 लाख से 1 करोड़ रुपए, एडमिनिस्ट्रेटिव सैक्रेटरी की 1.20 करोड़ रुपए से 5 करोड़ रुपए और एडवाइजर की 8 से 20 करोड़ रुपए की गई है। हैड ऑफ द डिपार्टमैंट की पावर 15 लाख रुपए से बढ़ाकर अब 25 लाख रुपए की गई है। एडमिनिस्ट्रेटिव सैक्रेटरी की फाइनैंशियल पावर 30 लाख से 50 लाख रुपए और एडवाइजर की फाइनैंशियल पावर 2 करोड़ से 5 करोड़ रुपए तक कर दी गई है। 

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