महिला पुलिस थाने में नहीं दर्ज होते रेप व छेड़छाड़ के केस

Sunday, Jun 02, 2019 - 02:54 PM (IST)

चंडीगढ़(सुशील राज): महिलाओं से बलात्कार, छेड़छाड़ और सैक्सुअल हरासमैंट के केस महिला पुलिस स्टेशन में दर्ज होने की बजाय सिटी थानों में दर्ज हो रहे हैं, जिस कारण पीड़िता को आपबीती सुनाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जबकि चंडीगढ़ प्रशासन ने महिलाओं से जुडे सारे केस महिला पुलिस स्टेशन में दर्ज करने के आदेश दिए थे। 

महिला पुलिस स्टेशन बनने के बाद अभी तक दहेज उत्पीडऩ के केस दर्ज ही किए गए है। युवती से गैंगरेप होने के बावजूद महिला पुलिस स्टेशन का स्टाफ हरकत में नहीं आया था। गैंगरेप मामले की जांच के लिए महिला पुलिस स्टेशन में तैनात महिला कर्मचारी को बुलाने की बजाए सैक्टर 31 थाना प्रभारी को जांच में शामिल किया गया था। महिला थाना प्रभारी ने ही पीड़िता से बातचीत कर आरोपियों के बारे में पूछताछ की थी। 

नोटीफिकेशन भी जारी की थी

प्रशासन ने  महिला पुलिस स्टेशन बनने के बाद महिलाओं से संबंधित सभी केस महिला पुलिस स्टेशन में दर्ज करने के लिए नोटीफिकेशन जारी की थी, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने प्रशासन के आदेश को दरकिनार कर दिया है। चंडीगढ़ में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों के सभी केस थानों में दर्ज होते हैं। जांच भी थानों में की जाती है। कई पुलिस स्टेशनों में तो महिला सब इंस्पैक्टर भी तैनात नहीं है। महिलाओं से जुड़ा कोई क्राइम होता है तो पुलिस स्टेशन जांच करवाने के लिए अपने ही डिविजन के अन्य पुलिस स्टेशन से महिला जांच अधिकारी को बुलाया जाता है। वहीं  महिला पुलिस स्टेशन में तैनात स्टाफ दहेज उत्पीडऩ के केसों की सुनवाई ही करने में लगा हुआ है। 

थानों में दर्ज हुए महिलाओं से जुड़े केस 
सिटी ब्यूटीफुल में महिलाओं से जुड़े अपराधों को चंडीगढ़ पुलिस रोकने में नाकाम हो चुकी है। 2017 में बलात्कर के 68 केस, अपहरण के 138 केस , छेड़छाड़ के 102, सैक्सुअल हरासमैंट के 12 केस दर्ज हुए है। इसके अलावा 2018 में बलात्कार के 80, अपहरण के 112 , छेड़छाड़ के 97, सैक्सुअल हरासमैंट के 13 केस दर्ज हुए है। 

दहेज उत्पीडऩ के केसों की होती है सुनवाई
महिला पुलिस स्टेशन में सिर्फ दहेज उत्पीडऩ के केसों की ही सुनवाई होती है। इसके अलावा महिला पुलिस स्टेशन का स्टाफ कुछ नहीं करता है। जब से महिला पुलिस स्टेशन बना है उस समय से लेकर अभी तक सिर्फ दहेज उत्पीड़ऩ के केस ही दर्ज किए है। महिला पुलिस स्टेशन ने 2017 में दहेज उत्पीडऩ के 121 और 2018 में दहेज उत्पीडऩ के 90 केस दर्ज किए थे। 

 2015 में बनाया था वूमैन पुलिस स्टेशन
चंडीगढ़ पुलिस ने महिलाओं से जुड़े केसों की सुनवाई के लिए 1987 में वूमैन पुलिस सैल बनाया था। इसके बाद 2002 में वूमैन एंड चाइल्ड सेफ्टी यूनिट में अपग्रेड कर दिया था। 2015 में महिलाओं से जुड़े अपराधों की सुनवाई के लिए स्पैशल वूमैन पुलिस स्टेशन बनाया गया था। इसके बाद प्रशासन ने वूमैन पुलिस स्टेशन में महिलाओं से जुड़े सभी केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।

bhavita joshi

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