फादर ऑफ साइकैट्री डा. एन.एन. विग नहीं रहे

Saturday, Jul 14, 2018 - 10:47 AM (IST)

चंडीगढ़ (पाल): पी.जी.आई. का साइकैट्रिक डिपार्टमैंट देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में अपनी ट्रेनिंग व रिसर्च वर्क के लिए अलग पहचान रखता है। 1976 में इस डिपार्टमैंट को ज्यादा महत्व दिया गया जब डब्ल्यू.एच.ओ. ने इसे सहयोगी केंद्र के रूप में नामित किया। इस विभाग को बुलंदियों तक पहुंचाने वाले इंडियन साइकैट्री के लिविंग लैजेंड प्रो. एन.एन. विग का वीरवार देर रात पी.जी.आई. में निधन हो गया। 

 

88 साल के डा. विग लंबे समय से बीमार थे। डा. विग ने 1963 में पी.जी.आई. में साइकेट्रिक डिपार्टमैंट की नींव रखती थी। जो 12 जुलाई 2018 तक संस्थान में एमिरेट प्रोफैसर के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। भारत में मैंटल हैल्थ को लेकर लोगों के बीच एक मिथ था, लोग खुलकर अपनी मैंटल हैल्थ को लेकर बात तक नहीं करते थे। डा. विग ने अपने काम, अपनी रिसर्च से लोगों के इस मिथ को तोड़ा। आज अस्पतालों में साइकैट्री का अलग से डिपार्टमैंट रहता है जिसका श्रेय डा. विग को जाता है।  

 

22 देशों में मैंटल हैल्थ डिवैल्पमैंट पर किया काम
-साल 1963 में पी.जी.आई. ज्वाइन किया। साइकैट्रिक विभाग में साल 1980 तक हैड के तौर पर अपनी सेवाएं दी। 
-एम्स दिल्ली के साइकैट्रिक डिपार्टमैंट में 1984 से 1990 तक हैड रहे। 
-इजिप्ट में डब्लू.एच.ओ. के स्थानीय कार्यलय में बतौर रीजनल एडवाइजर फॉर मेंटल हैल्थ में सेवाएं दी। 
-22 देशों में मैंटल हैल्थ डेवलेपमैंट को लेकर कई प्रोग्राम शुरू किए। 

 

पंजाब के गुजरनवाला में हुआ था जन्म 
-1 अक्तूबर 1930 को पंजाब के गुजरनवाला में जन्में डा. विग ने लखनऊ के के.जी. मैडीकल कॉलेज से 1953 में एम.बी.बी.एस. किया। 
-1957 में लखनऊ यूनिर्सविटी से एम.डी. मैडीसन की। 
-बैंगलोर एन.आई.एम.एच.ए.एन.एस. से साइकैट्री में ट्रैनिंग, लखनऊ मैडीकल कॉलेज में न्यूरोसाइकैट्रिक में बतौर लैक्चरार ज्वाइन किया। जहां उन्होंने इंडिया में पहली साइकैट्रिक यूनिट खोली। 
-साल 1961 व 1962 में रॉकफेलर फैलोशिप लेकर लंदन इंस्टीट्यूट ऑफ साइकैट्री में ट्रैनिंग ली। इस दौरान उन्होंने इंग्लैंड और स्कॉटलैंड से डिप्लोमा इन साइकोलोजिकल मैडीसन किया। 

 

रेयर अवार्ड्स से हुए सम्मानित  
डा. एन.एन. विग अपने करियर में कई ऑर्वड्स व सम्मानों से नवाजे गए। इसमें से ओनरेरी फैलोशिप ऑफ द रॉयल कॉलेज ऑफ साईकैट्रिक्स। लाहौर के फाऊंटेन हाऊस साइकैट्रिक यूनिट में उनके नाम के यूनिट शुरू की गई। 

 

रिसर्च में योगदान 
-इंडिया में मैंटल डिस्आर्डर को समझने वाले पहले डाक्टर थे। 
-गॉनोकोलॉजी, नैफ्रोलॉजी, पैडएट्रिक्स, न्यूरोलॉजी जैसे कई डिपार्टमैंट्स के साथ उन्होंने कई रिसर्च की, जिन्होंने साइकैट्रिक विभाग में काफी मदद की। 
-भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में साइकैट्रिक डिस्ऑर्डर के वर्गीकरण में बेहतरीन योगदान दिया। जो रिसर्च के लिए काफी उपयोगी साबित हुआ। 
-कई विकासशील देशों के साथ मैंटल हैल्थ को बढ़ाने के लिए कई प्रोजैक्ट शुरू किए। रायपुर रानी अंबाला में मैंटल डिस्ऑर्डर प्रोग्राम शुरू भी डा. विग ने किया था। 

Punjab Kesari

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