21 प्रतिशत महिलाएं मोटापे से हाई डायबिटीज और हाईपरटैंशन की शिकार

punjabkesari.in Saturday, Nov 25, 2017 - 11:37 AM (IST)

पंचकूला(आशीष) : 35 वर्षीय नीलम छह साल की उम्र में शुरूआती से मोटापे से पीड़ित थी। प्रारंभ में, उसे स्वस्थ बच्चा बताकर उसकी स्थिति को नजरअंदाज कर दिया गया था, और वह 180 किलो वजन तक पहुंच गई। नीलम को अपनी बिगड़ती स्थिति के लिए एक प्रैक्टिकल सॉल्यूशन चाहिए था। जब उन्हें सैक्टर-5 स्थित एम.डी.सी. स्थित पारस अस्पताल में डायग्नोस किया गया था, तो वह जान पाई कि वह डायबिटीज और एक्वेट किडनी फेलियर से पीड़ित थी। 

 

स्टडी की रिपोर्ट के अनुसार :
मोटापे के मामले में भारत शीर्ष पांच देशों में शामिल है। एन.एफ.एच.एस. अध्ययन द्वारा प्रस्तुत नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में 21,652 महिलाएं और 3,380 पुरुष सर्वेक्षण में शामिल हुए, और 21 प्रतिशत महिलाएं मोटापे से ग्रस्त पाई गई। मोटापा अब एक वैश्विक महामारी बन गई है। मोटापा भारत में मौत का पांचवां प्रमुख कारण होता है। भारत में मोटापे से ग्रस्त बच्चों की संख्या 14.4 मिलियन है। आंकड़े चौंका देने वाले हैं । 

 

कंसल्टैंट ऑब्सटेट्रिक्स और गायनकोलॉजी विभाग की डॉ. मोनिका अग्रवाल ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान मोटापा मां और अजन्मे बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता हैं। मोटापे से पीड़ित मां उच्च रक्तचाप से पीड़ित हो सकती है जिसका परिणामी डायबिटीज हो सकता है। मोटापे से मातृ एवं संतानों की मृत्यु होने की संभावना बढ़ जाती है। 

 

कंसल्टैंट इंटर्नल मैडीसिन और क्रिटिकल केयर मैडीसिन के डॉ. आशीष कुमार अरोड़ा ने बताया नियमित स्वास्थ्य जांच, आहार नियम, गतिशीलता के लिए व्यायाम, मोटापे से उबरने में योगदान देते हैं। 


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