हॉस्टल निर्माण के लिए एफ.ए.आर. की दरें हो सकती हैं कम

punjabkesari.in Tuesday, Mar 03, 2020 - 12:04 PM (IST)

चंडीगढ़ (साजन/राजिंद्र ) : चंडीगढ़ प्रशासन जल्द ही शैक्षणिक संस्थानों (स्कूल व कालेजों) के लिए बीते साल तय की गई फ्लोर एरिया रेशो (एफ.ए.आर.) की दरों में कटौती करने का फैसला ले सकता है।  इस मसले पर प्रशासन को दोबारा रेट इसलिए रिवाइज करने पड़ रहे हैं क्योंकि विभिन्न कालेज व स्कूल चला रही शैक्षणिक संस्थाओं व इनके प्रशासन की दलील है कि हाल ही में प्रशासन ने फ्लोर एरिया रेशो की जो दरें तय की थी वह बहुत ज्यादा थी, लिहाजा कोई भी हॉस्टल की सुविधा बढ़ाने के लिए आगे नहीं आया। 

 

अगर प्रशासन इन दरों में कुछ कटौती करे तो हॉस्टल सुविधा बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। एफ.ए.आर. की दरें घटाने पर बीते दिनों यू.टी. सचिवालय में प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में फैसला लिया गया। नवम्बर 2019 में यू.टी. प्रशासन ने एडीशनल एफ.ए.आर. चार्जिस की कैलकुलेशन कलैक्टर रेट से जोड़ दी थी। इससे पहले 0.25 एडीशनल एफ.ए.आर. 200 रुपए प्रति स्कवायर फुट की लागत से चार्ज की जाती थी। बीते साल प्रशासन ने जो नया फार्मूला निकाला था उसके अनुसार 3400 रुपए प्रति स्कवायर फुट कर दिया गया, जिसे शैक्षणिक संस्थान बहुत ही ज्यादा मान रहे हैं। 


 

तो कम लागत में बन पाएगा हॉस्टल
एफ.ए.आर. वह स्पेस होता है जिस पर कोई भी कालेज, स्कूल या व्यक्ति कंस्ट्रक्शन कर सकता है। प्रशासन ने बीते दिनों कालेजों व स्कूलों को एफ.ए.आर. बढ़ाने की अनुमति दे दी थी, लेकिन इसके रेट ज्यादा तय कर दिए गए जिसके चलते संस्थानों ने हॉस्टल बनाने की कवायद में कोई रुचि नहीं दिखाई। अगर प्रशासन अब एफ.ए.आर. की कम दरें तय करता है तो शैक्षिक संस्थानों का कम लागत में हॉस्टल बन पाएगा व उन पर इन्हें बनाने का ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा। 


 

11 और पी.जी. ऑनर्स ने करवाया रजिस्ट्रेशन
सैक्टर-32 के पी.जी. में अग्निकांड के बाद चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा शहर में अवैध रुप से चल रहे पी.जी. के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। यही कारण है कि पी.जी. ऑनर्स ने अब रजिस्ट्रेशन करवाना शुरू कर दिया है। सोमवार को भी 11 और पी.जी. ऑनर्स ने अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया है, जिसके चलते नए रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या बढ़कर अब 46 हो गई है। 

 

इसके अलावा हैल्पलाइन नंबर पर भी विभिन्न सैक्टरों में चल रहे अवैध पी.जी. की शिकायतें आ रही हैं। इस संबंध में प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि उनकी शहर में अवैध रूप से चल रहे पी.जी. के खिलाफ कार्रवाई जारी है, जिसके चलते अब ऑनर्स अपने पीजी को रजिस्टर्ड क रवाने के लिए आगे आ रहे हैं। चैकिंग के लिए टीमें गठित की हुई हैं, जो चैकिंग कर रही हैं।


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pooja verma

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