पंचायती जमीन छुड़वाने वाली पंचायत पर ही ठोक दिया झूठा केस

Tuesday, Oct 10, 2017 - 12:09 PM (IST)

मोहाली (कुलदीप/राणा): जालंधर के गांव मुठड़ाकलां के सरपंच की हिमायत में पंचायत यूनियन ने मोहाली में विकास भवन के गेट के आगे धरना देकर धरनाकारियों ने पंचायत विभाग तथा पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। इस दौरान मौके पर पहुंचे विभाग के डिप्टी डायरैक्टर जोङ्क्षगद्र कुमार को मांग पत्र भी सौंपा। पंजाब सरकार के खिलाफ धरना दिया। पंचायत यूनियन के जिला मोहाली से अध्यक्ष बलविंदर सिंह कुंभड़ा ने सोमवार को गाम्रीण विकास एवं पंचायत विभाग के हैड ऑफिस के आगे रोष प्रदर्शन करने के के दौरान कहा कि पंजाब में पंचायती जमीनों पर लैंड माफिया द्वारा नाजायज कब्जे किए जाने अभी भी बरकरार हैं। 

 

अगर कोई पंच-सरपंच पंचायती जमीन पर से नाजायज कब्जा छुड़वाने के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ता है तो पंचायत विभाग के अधिकारी उस पंच और सरपंच को तंग और परेशान करके असीधे ढंग से लैंड माफिया की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के कुछ नुमाइंदे बदलाखोरी की नीति के तहत पंजाब के अलग-अलग गांवों के पंचों-सरपंचों को किसी न किसी बहाने तंग परेशान कर रहे हैं। इसका उदाहरण जिला जालंधर के गांव मुठड़ाकलां के सरपंच क्रांति मोहन को बार-बार सस्पैंड करने की धमकियां देकर डायरैक्टर पंचायत बार-बार नोटिस निकालने जैसे केसों से मिलती है।

 

उन्होंने कहा कि गांव मुठड़ा कलां की पंचायत तथा सरपंच क्रांति मोहन का कसूर सिर्फ इतना ही है कि उन्होंने अपने गांव की ग्राम पंचायत मुठड़ाकलां की मलकियत वाली कृषि योग्य जमीन को छुड़वाने के लिए  चार वर्ष से कानूनी लड़ाई लड़ी और लैंड माफिया से जमीन छुड़वाई है जिसके पैसे भी पंचायत के खाते में जमा करवा दिए हैं लेकिन पंचायत विभाग की ओर से पंचायती जमीन छुड़वाने वाली पंचायत को ही लैंड माफिया के साथ मिलीभगत करके सरपंच के खिलाफ नाजायज कब्जा करने का झूठा केस बनाकर उसे तंग- परेशान किया जा रहा है। 

 

कुंभड़ा ने जिला मोहाली के गांव बलौंगी में भी सरपंच और अन्य पंचायत मैंबरों को बी.डी.पी.ओ. द्वारा तंग परेशान करने का उदाहरण दिया।  उन्होंने कहा कि अगर क्रांति मोहन सरपंच प्रधान पंचायत यूनियन जिला जालंधर को इंसाफ न मिला तो पूरे पंजाब की पंचायतें डायरैक्टर पंचायत के आफिस के आगे अनिश्चितकाल तक दिन-रात धरना शुरू कर देंगी। इस मौके राज सिंह टोडरवाल, अमरीक सिंह मुठड़ा, गुरमीत सिंह, सोमा राणी पंच, सत्या राणी पंच, बहादर सिंह बलौंगी, सरपंच बलविंद्र कौर, पूर्व बलाक संमति मैंबर गुरनाम कौर, बलविन्द्र सिंह मानकपुर कल्लर आदि सहित अन्य बहुत से लोग भी शामिल थे।

 

ए.डी.सी. पठानकोट को सौंपी थी केस की जांच
जिक्रयोग है कि पंचायत को पहले ए.डी.सी. पठानकोट को केस की जांच सौंपी गई थी। इसके बाद पंचायत ने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटकाया था जिसमें हाईकोर्ट ने दोनों केसों की इक्टठे सुनवाई करके पंचायत को इंसाफ दिलाने के लिए विभाग को हिदायतें दी थीं पर भू-माफिया के साथ मिलीभगत करके विभाग ने हाईकोर्ट के निर्देशों की पालना न करते हुए कानून की सरेआम धज्जियां उड़ाई हैं। 

 

इसके अलावा जब पंचायत ने पंचायत जमीन पर कब्जा कानूनी तौर पर लिया गया तो पंचायत को सम्मानित करने की बजाय पंचायत पर नाजायज कब्जा करने का एक झूठा केस बना दिया गया। उन्होंने कहा कि सैक्टर -62 में विकास भवन पंचायतों की रखवाली के लिए नहीं बल्कि माफिया की रखवाली के लिए मोटी रकम लेकर पंचायतों पर झूठे केस बनाए जाते हैं। भू-माफिया के एक इशारे पर पंजाब सरपंच और पंचों को सस्पैंड कर दिया जाता है।

 

मोहाली में 54 करोड़ के घोटालों का रिकॉर्ड है उनके पास : कुंभड़ा
बलविंद्र कुंभड़ा ने कहा कि जिला मोहाली के गांवों में 54 करोड़ रुपए के घोटाले का भी रिकॉर्ड उनके पास है, जिसमें पिछले कुछ उच्चाधिकारी भी सस्पैंड किए गए हैं। यह विभाग के लिए भी कहना गलत नहीं होगा कि दूध की रक्षा के लिए अगर बिल्ले को रखा जाए तो ऐसा ही होता है।


 

Advertising