अब फूड लाइसैंस के बगैर चंडीगढ़ में नहीं बिक सकेगी शराब

Monday, May 07, 2018 - 09:42 AM (IST)

चंडीगढ़(अर्चना) : नकली शराब बेचने वालों पर सख्ती के तहत चंडीगढ़ प्रशासन के स्वास्थ्य विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर दी है। अब नकली शराब परोसने वाले वैंडर की शिकायत हैल्थ डिपार्टमैंट की फूड सेफ्टी विंग को की जा सकती है। नकली शराब बेचने वाले ठेके और रेस्तरां के खिलाफ जुर्माना और कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान कर दिया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि शराब की गुणवत्ता हैल्थ डिपार्टमैंट आंकेगा। 

50 साल से एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमैंट शराब की बोतलों में बंद पेय पदार्थ में अल्कोहल की मात्रा जांचता रहा है परंतु बोतल में बंद शराब के अंदर मौजूद मिलावट और खराबी को जांचने का जिम्मा किसी ने भी पास नहीं था। नई नोटिफिकेशन के मुताबिक फूड सेफ्टी विंग न सिर्फ शराब की गुणवत्ता पर पैनी नजर रखेगा बल्कि लिकर वैंडर्स के लिए विंग से फूड लाइसैंस लेना भी अनिवार्य होगा। फूड लाइसैंस के बगैर शराब बेचने वाले वैंडर के खिलाफ फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथोरिटी ऑफ इंडिया के नियमों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। 

सूत्रों की मानें तो विंग ने फूड सेफ्टी ऑफिसर्स को नई नोटिफिकेशन को ध्यान में रखते हुए लीकर वैंडर्स पर नजर रखने के लिए निर्देश जारी किए हैं। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद फूड एंड सेफ्टी विंग ने तीन लीकर वैंडर्स द्बारा फूड लाइसैंस के बगैर शराब बेचने परचालान भी कर दिए हैं। सैक्टर-46 के शराब के ठेके के अलावा, सैक्टर-8 और एलांते मॉल के लिकर वैंडर के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है। 

अब नहीं बच सकेंगे अहाते पर नकली शराब बेचने वाले :
अब शराब के अहातों पर नकली शराब बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकेगी। अब तक आहाते पर नकली शराब और खाने-पीने का खराब सामान बेचने वालों की शिकायत के बाद जब शराब के सैंपल फेल हो जाते थे तब अहाता का मालिक एक साल का ठेका खत्म कर फरार हो जाता था और हैल्थ डिपार्टमैंट उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाता था परंतु नए नियम के अंतर्गत ऐसे आहाता चलाने वालों पर अब आहाते का ठेका समाप्त होने के बाद भी कार्रवाई का प्रावधान है। अब डिपार्टमैंट नियमित तौर पर शराब के सैंपल ले सकेंगे।

यह होगी कार्रवाई :
मिलावटी या नकली शराब परोसने वाले वैंडर की शराब का सैंपल फेल होने के बाद वैंडर को अब जुर्माने के तौर पर 5 लाख रुपए और छह महीने की जेल काटने का प्रावधान है। ऐसी शराब बेचने वाले का ठेका सील कर सारा बोतलें विभाग कब्जे में ले सकता है। 

तीन साल पहले शराब व्यापारी ने चंडीगढ़ में हो रही शराब की सप्लाई पर सवाल खड़ा किया था। व्यापारी ने शराब की अवैध तस्करी को उजागर करने के लिए खुद शराब की 10 बोतलें खरीदी थी। बोतलों में बंद शराब की गुणवत्ता को खंगालने के लिए बोतलों को सैंट्रल फूड टैस्टिंग लैबोरेट्री में भेज दिया गया परंतु लैब में शराब को इस वजह से पीने लायक बताया था क्योंकि ये सीलबंद थी। 

Punjab Kesari

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