मंत्रिमंडल ने नई आबकारी नीति-2023-24 को दी मंजूरी : हरियाणा में महंगी होगी शराब, उत्पाद और खुदरा परमिट शुल्क लगा

punjabkesari.in Tuesday, May 09, 2023 - 09:44 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आबकारी नीति-2023-24 को अनुमोदित किया गया है। यह उन संसाधनों को उत्पन्न करने की सुविधा भी देती है, जिनका उपयोग विकासात्मक परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जा सकता है। पर्यावरण के अनुकूल उपाय के रूप में नई नीति का उद्देश्य 29 फरवरी, 2024 के बाद शराब की बोतल में पी.ई.टी. बोतलों के उपयोग को बंद करना है। इसके साथ ही 400 करोड़ रुपए के लक्षित संग्रह के साथ खुदरा परमिट शुल्क लगाया गया है।

 

 

इस राशि का उपयोग पर्यावरण और पशु कल्याण के लिए किया जाएगा। सरकार अब आबकारी नीति-2022-23 के सफल कार्यान्वयन के साथ 10,000 करोड़ रुपए के बैंचमार्क को पार करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। नई आबकारी नीति में खुदरा परमिट शुल्क लगाया गया है, जिसका लक्ष्य 400 करोड़ रुपए संग्रह करना है। इस राशि का उपयोग पर्यावरण एवं पशु कल्याण के लिए किया जाएगा। नई नीति में ईज ऑफ डूइंग बिजनैस के लिए जिला स्तर पर आई.एफ.एल. (बी.आई.ओ.) के लेबल का भी नवीनीकरण किया जाएगा। एम.एस.एम.ई. क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए छोटी (क्राफ्ट) ब्रेवरीज की लाइसैंस फीस कम की गई है। राज्य में वाइनरी को बढ़ावा देने के लिए वाइनरी की सुपरवाइजरी फीस में कमी की गई है।
 

 

 

 

खुदरा शराब के ठेकों की अधिकतम संख्या की सीमा घटी
नई आबकारी नीति में राज्य में खुदरा शराब के ठेकों की अधिकतम संख्या की सीमा को 2022-23 में 2600 से घटाकर 2500 तथा 2023-24 में 2500 से 2400 कर दिया गया है। वहीं, पंचकूला में श्री माता मनसा देवी मंदिर के आस-पास अधिसूचित पवित्र क्षेत्रों और जिन गांवों में गुरुकुल चल रहे हैं, वहां शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे। वर्तमान नीति में अधिक से अधिक प्रतिभागियों को ई-निविदा के माध्यम से शराब की दुकान के लाइसैंस के लिए आवेदन करने की अनुमति देने के लिए खुदरा शराब बिक्री जोन का आकार भी चार से घटाकर दो कर दिया गया है।
 

 

 

 

देसी शराब के मूल कोटे में वृद्धि
नई नीति में देसी शराब, भारत में बनी विदेशी शराब और आयातित विदेशी शराब (बी.आई.ओ.) के मूल कोटे में बढ़ोतरी की गई है। देसी शराब और आई.एम.एफ.एल. पर उत्पाद शुल्क की दरों में भी मामूली वृद्धि की गई है। अल्कोहल की कम मात्रा वाले पेय पदार्थों को बढ़ावा देने के लिए रेडी टू ङ्क्षड्रक बेवरेजेज और बीयर पर माइल्ड और सुपर माइल्ड कैटेगरी के तहत एक्साइज ड्यूटी घटा दी गई है। पब कैटेगरी (एल-10ई) यानी केवल बीयर और वाइन के उपभोग के लिए लाइसैंस शुल्क को और कम कर दिया गया है। वहीं, थोक लाइसैंसधारियों द्वारा शराब की चोरी पर अंकुश लगाने के लिए जुर्माने के प्रावधान कड़े किए गए हैं। लाइसैंस धारक द्वारा सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफॉर्म पर शराब प्रचार के विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
 

 

 

सभी खुदरा विक्रेताओं के लिए अग्निशमन उपकरण लगाने जरूरी
आबकारी लाइसैंस के तहत शराब परोसने वाले सभी होटलों, पब और बार, रैस्तरां और कैफे के बाहर सावधानी बोर्ड प्रदॢशत किए जाएंगे। इसके अलावा, कर्मचारियों और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शहरी क्षेत्रों, सराय और थोक लाइसैंसधारियों के लिए भी सभी खुदरा विक्रेताओं के लिए अग्निशमन उपकरण स्थापित करना अनिवार्य होगा। उपरोक्त सभी दुकानों/गोदामों में सी.सी.टी.वी. कैमरे भी लगाए जाएंगे।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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