पूर्व-सैनिकों ने पदक लौटाए, पर्रिकर ने कहा कि यह काम सैनिकों जैसा नहीं

Tuesday, Nov 10, 2015 - 08:29 PM (IST)

चंडीगढ़: आेआरआेपी की अधिसूचना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कई पूर्व-सैनिकों ने आज दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में अपने पदक लौटा दिए वहीं रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि यह काम सैनिकों जैसा नहीं है। 
 
पूर्व-सैनिकों ने कहा कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ योजना पर राजग सरकार के अपने आश्वासनों से पीछे हटने के खिलाफ वे ‘काली दिवाली’ मनाएंगे। पंचकुला, अंबाला, मोहाली और पटियाला समेत कई जगहों पर पूर्व-सैनिकों ने प्रदर्शन किया और कहा कि वे पिछले सप्ताह जारी केंद्र की अधिसूचना से संतुष्ट नहीं हैं। प्रदर्शनकारियों की आेर से प्रवक्ता कर्नल सेवानिवृत्त अनिल कौल ने दिल्ली में कहा कि चंडीगढ़, मोगा, जालंधर और गुरदासपुर में भी पूर्व-सैनिकों ने आज अपने पदक लौटाए, वहीं मुंबई, पुणे, वड़ोदरा और बेंगलूरू में भी पूर्व-सैनिक इस तरह की कार्रवाई करेंगे। दिल्ली में बड़ी संख्या में पूर्व-सैनिकों ने जिला कलेक्टर के कार्यालय में अपने पदक लौटाए। 
 
जिला कलेक्टर संजय कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पूर्व-सैनिकों ने धमकी दी थी कि अगर हम पदक नहीं लेते तो वे उन्हें सड़क पर छोड़ देंगे। इसलिए हमने उन्हें ले लिया।’’  कौल ने पर्रिकर के इस बयान पर भी निशाना साधा कि यह बर्ताव सैनिकों जैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि पर्रिकर का भी आचरण रक्षा मंत्री की तरह का नहीं है। 
 
इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट (आईईएसएम) के उत्तरी हरियाणा के संयोजक ब्रिगेडियर किरण कृष्णन (सेवानिवृत्त) ने कहा कि पंचकुला में मेजर संदीप शांकला युद्ध स्मारक पर पूर्व-सैनिक एकत्रित हुए जहां 150 से अधिक पूर्व-सैनिकों के पदक लिए गए। उन्होंने कहा, ‘‘एडीसी, पंचकुला के माध्यम से प्रधानमंत्री को संबोधित हमारे ज्ञापन में हमने अधिसूचना जारी करने पर अपना असंतोष जताया है क्योंकि यह हमारी जरूरतों को पूरा नहीं करती।’’ 
 
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