एस्टेट ऑफिस में आम लोगों की एंट्री बंद, लोगों में रोष

Sunday, Jan 21, 2018 - 10:30 AM (IST)

चंडीगढ़(ब्यूरो) : डी.सी. ऑफिस में स्थित एस्टेट ऑफिस में अब आम लोग नहीं जा सकते, क्योंकि एस्टेट अफसर ने यहां आम लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है। इस कारण लोगों में रोष है। 

 

शिकायतें मिलने पर ‘पंजाब केसरी’ संवाददाता ने एस्टेट ऑफिस का दौरा कर रियलिटी चैक किया तो पाया कि एस्टेट ऑफिस की दूसरी मंजिल से पहले सीढिय़ों में लगे गेट पर ताला लगा था और जहां एक कर्मी ड्यूटी बजा रहा था। उसका काम लोगों को ऊपर जाने से रोकना था, पास ही कागज चिपका हुआ था कि आम लोगों के लिए एस्टेट ऑफिस में प्रवेश 12 बजे से 1 बजे तक ही होगा। 

 

एस्टेट ऑफिस में काफी लोग सुबह अपने काम के चलते 9 बजे ही पहुंचे हुए थे पर उन्हें ऊपर नहीं जाने दिया गया। सुरिंद्र सिंह भी यहां पहुंचे हुए थे जिनका कहना था कि एस्टेट ऑफिस में कैंटोनमैंट एरिया जैसा सलूक नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह पब्लिक डीलिंग ऑफिस है। सुमन बाला मकान के दस्तावेज जांचने आई थी। उसका कहना था कि 12 से 1 बजे के बीच एक घंटे में इतना समय ही नहीं होता कि 2-3 अधिकारियों से मिला जा सके और कागजी कार्रवाई पूरी हो सके। 

 

सुमन के मुताबिक वह आज तीसरी बार आई हूं। अधिकारियों का कहना था कि डी.सी. साहब ने आदेश जारी किए हैं कि लेकिन ऐसा कोई नोटिस वहां लगा नहीं दिखा, न ही इस बारे में कोई विज्ञप्ति विभाग या प्रशासन ने जारी की है। इस बाबत असिस्टैंट एस्टेट ऑफिसर मनोज खत्री से बात की गई तो उनका कहना था कि मेरा नहीं यह आला अफसरों का फैसला है। 

 

प्रॉपर्टी डीलर अधिक परेशान :
शहर के प्रॉपर्टी डीलर सबसे अधिक परेशान हैं। उनका कहना है कि उन्हें प्रॉपर्टीज के संबंध में किसी भी समय आना पड़ सकता है लेकिन यहां सिर्फ एक घंटा एंट्री है। 

 

अधिकारियों की मानें तो एस्टेट ऑफिस में प्रॉपर्टी डीलरों के प्रवेश को रोकने और कार्य में पारदर्शिता लाने के मकसद से ही एस्टेट ऑफिस में प्रवेश करने का समय निर्धारित किया गया है और सभी कर्मियों को दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं कि कोई भी 12 से 1 बजे के बीच सीट से न जाए, ताकि आम लोगों को इंतजार नहीं करना पड़े। 

 

चोर रास्ता खुला :
एस्टेट ऑफिस में जाने के लिए चोर रास्ता भी यहां बनाया गया है, जहां से कर्मी अपने खास लोगों को बुलाते हैं। यह रास्ता डिविजनल मैजिस्ट्रेट के कोर्ट रूम से जाता है और छोटी सीढिय़ां खुली हैं, जहां कोई रोकटोक नहीं थी।

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