प्रशासक बदनौर के आदेश साबित हो रहे हवा-हवाई, सरेआम हो रहा अवैध निर्माण

Monday, Sep 30, 2019 - 09:10 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी) : पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर के आदेश हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। मामला वन्यजीव कानून को ताक पर रखकर हो रहे निर्माण कार्य से जुड़ा है। 

बदनौर की अध्यक्षता वाले स्टेट बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ ने तय किया था कि चाहे सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के इर्द-गिर्द ईको सैंसटिव जोन घोषित कर दिया गया है लेकिन इस घोषणा से पहले सैंक्चुरी के 10 किलोमीटर दायरे में जितनी भी इमारतों को एन्वायरमैंट क्लीयरैंस दी गई है, उन्हें नैशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ से भी मंजूरी लेनी होगी। बावजूद इसके, बोर्ड के आदेशों को ताक पर रखकर नैशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ की अनुमति के बिना ही धड़ल्ले से निर्माण कार्य किया जा रहा है। 

सारंगपुर की एजुकेशन सिटी में श्री विले पार्ले केलावनी मंडल ने तो बिना मंजूरी के नरसी मॉन्जी इंस्टीच्यूट की 4 मंजिला इमारत तक बुलंद कर दी है। यह हालत तब है जबकि इंस्टीच्यूट को दी गई एन्वायरमैंट क्लीयरैंस में ही साफतौर पर लिखा गया था कि यह योजना सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के ईको सैंसटिव जोन के दायरे में आती है, इसलिए इस योजना में निवेश से पहले नैशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ से मंजूरी ली जाए। 

6.07 एकड़ भूमि पर बन रहा इंस्टीच्यूट : 
श्री विले पार्ले केलावनी मंडल का यह इंस्टीच्यूट करीब 6.07 एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा है। चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग को सौंपे गए दस्तावेज में मंडल ने बताया है कि एजुकेशन सिटी के प्लॉट नंबर-5 पर प्रस्तावित इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमैंट स्टडी के निर्माण पर करीब 64 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। 
ग्राऊंड फ्लोर के अलावा 4 मंजिला इस इंस्टीच्यूट में दो बैसमैंट बनाई जानी हैं। 

इस इंस्टीच्यूट में स्कूल ऑफ बिजनैस मैनेजमैंट, टैक्नोलॉजी मैनेजमैंट एंड इंजीनियरिंग, फार्मेसी एंड टैक्नोलॉजी, कॉमर्स और स्कूल ऑफ आर्कीटैक्चर होगा, जिसमें करीब 5 हजार स्टूडैंट्स के लिए 100 टीचर्स तैनात किए जाएंगे। इंस्टीच्यूट में करीब 110 क्लास रूम, 5 सैमीनार रूम, दो मंजिला लाइब्रेरी, ऑडीटोरियम, कॉमन रूम और एडमिनिस्ट्रैटिव ब्लॉक का निर्माण किया जाएगा।

अधिकारियों की भूमिका पर सवाल :
बिना मंजूरी सरेआम हो रहे इस निर्माण कार्य ने चंडीगढ़ पर्यावरण और वन एवं वन्यजीव विभाग के अधिकारियों की भूमिका को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। ऐसे निर्माण पर रोक लगाने का जिम्मा इन्हीं अधिकारियों का है। जिस स्टेट एन्वायरमैंट इम्पैक्ट असैस्मैंट अथॉरिटी ने योजना पर वाइल्ड लाइफ क्लीयरैंस की शर्त लगाई है, उस अथॉरिटी में वन्यजीव विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। 

Priyanka rana

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