निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों को विभिन्न संगठनों का समर्थन मिला

punjabkesari.in Tuesday, Dec 01, 2020 - 10:58 PM (IST)

चंडीगढ़, (विजय गौड़) : बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ विरोध कर रहे कर्मचारियों को विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने  समर्थन देने की घोषणा कर दी है। इनमें फैडरेशन ऑफ यू.टी. इंप्लाइज वर्कर्स, पंजाब बोर्ड कॉर्पोरेशन महासंघ, सीटू और यू.टी. एम.सी. पैंशनर्स एसोसिएशन के साथ संबंधित हजारों कर्मचारी शामिल हैं। इसके साथ ही फॉसवेक और राजनीतिक दल भी कर्मचारियों का साथ देने आगे आए हैं। बिजली विभाग के कर्मचारियों ने मंगलवार को न्यू पावर हाऊस के बिजली दफ्तर में रोष प्रदर्शन किया।

 

इस मौके पर फैडरेशन के महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने पड़ौसी राज्यों से काफी सस्ती दरों में बिजली देने के बावजूद लगातार मुनाफा कमा रहे बिजली विभाग को 100 प्रतिशत निजी मुनाफाखोरों को कोडिय़़ों के दाम बेचने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अभी तक बिजली एक्ट-2003 में संशोधन के लिए बनाया बिजली बिल-2020 संसद में पेश भी नहीं हुआ है। उससे पहले ही आत्मनिर्भर भारत के नाम पर केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली वितरण का निजीकरण का ऐलान कर सैंकड़ों परिवारों को उजाड़ा जा रहा है।
नहीं लिए गए जनता के सुझाव
यूनियन के प्रधान ध्यान सिंह ने कहा कि सारे राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के वितरण का 100 प्रतिशत निजीकरण करने के लिए स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमैंट का ड्राफ्ट तैयार किया गया है, जिस पर अभी तक जनता के सुझाव भी नहीं लिए गए। लेकिन जल्दीबाजी में कुछ खास वर्ग के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने गैर संवैधानिक तौर पर मनमर्जी व हड़बड़ी में ट्रांसफर पॉलिसी बनाकर बिडिंग प्रोसैस भी शुरू कर दिया। जिसके लिए ज्वाइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन को भी दरकिनार कर दिया गया।

 


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ashwani

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