पोषण अभियान को लेकर शिक्षा विभाग ने जारी किया मैमो

punjabkesari.in Thursday, Sep 05, 2019 - 02:44 PM (IST)

चंडीगढ़ (वैभव): डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर (डी.ई.ओ.) की ओर से पोषण अभियान को लेकर मैमो जारी किया है। मैमो के अनुसार स्कूलों को पोषण अभियान की हर जानकारी देनी होगी। ताकि बच्चे पोषण की जानकारी वह अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो सकें। 

 

इसी संबंध में बुधवार को गवर्नमैंट मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल सैक्टर-20डी में हैल्दी फूड प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता स्कूल के प्राइमरी क्लास के बच्चों के लिए रखी गई थी, जिसमें सभी स्टूडैंट्स ने अपने अपने हैल्दी खाने का प्रदर्शन किया। 

 

विभाग ने सभी स्कूलों को यह भी निर्देश जारी कर दिए हैं कि छुट्टी वाले दिन को छोड़कर हर दिन इस प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन होना चाहिए और बच्चों के बीच में हैल्दी खाने को लेकर पूरी जानकारी उनको प्रदान की जाए।

 

बच्चों ने कहा- अच्छा है कदम
हैल्दी खाने की गतिविधियों के बारे में बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह बहुत अच्छा फैसला है। इससे उनके बीच में इस बात की जानकारी ज्यादा आएगी कि कौन सा और कैसा खाना उनकी सेहत के लिए अच्छा है। यह जानकारी हमें मिलेगी और हम आगे दूसरों को देंगे। 

 

विभाग ने इस अभियान को गंभीरता से लेते हुए शहर के स्कूलों में आदेश जारी किए हैं कि वह पोषण अभियान एक्टीविटी की पूरी जानकारी रोजाना दें। इसके लिए स्कूल की कंप्यूटर 
टीचर उस गतिविधि की फोटो को पोर्टल पर अपलोड करेगी। 

 

स्कूलों को यह जानकारी शिक्षा विभाग के व्हट्स अप ग्रुप में भी देनी होगी। व्हट्सअप ग्रुप में स्कूल को उस गतिविधि की चार फोटो को अपलोड करना अनिवार्य होगा। वहीं शहर के कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां कंप्यूटर टीचर नहीं हैं। पहले विभाग इस बात को मानने से इन्कार करता रहा है। 

 

लेकिन अब इस निर्देश में उसने भी माना है कि कुछेक स्कूल हैं जहां कंप्यूटर टीचर नहीं है। ऐसे में उन स्कूलों में पोषण अभियान एक्टीविटी की जानकारी देने की जिम्मेदारी वहां के क्लस्टर हैड की होगी। क्लस्टर हैड के द्वारा पोर्टल और व्हट्सअप ग्रुप में यह जानकारी देनी अनिवार्य होगी।

 

जानकारी न देने वाले पर होगी सख्त कार्रवाई
विभाग ने स्पष्ट किया है कि पोषण अभियान से जुड़ी जानकारी रोजाना देना अनिवार्य होगा। अगर किसी स्कूल ने एक भी दिन जानकारी नहीं दी गई तो उसके 

 

खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 
जानकारी न देने पर स्कूल के प्रिंसीपल या फिर हैड नपेंगे। बता दें कि विभाग ने यह फैसला बच्चों की भलाई के लिए लिया है लेकिन अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकारी स्कूलों में आराम फरमाने वाले टीचर्स इस कार्य को किस प्रकार से करते हैं। 


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pooja verma

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