प्रशासन को झटका : JBT और TGT को मिली राहत

Thursday, Nov 28, 2019 - 09:10 AM (IST)

चंडीगढ़(रमेश) : चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की ओर से 2015 में सरकारी स्कूलों में भर्ती किए गए 850 जे.बी.टी. और टी.जी.टी. शिक्षकों को केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) ने बड़ी राहत दी थी लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने कैट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने प्रशासन की ओर से कैट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए कैट के फैसले को सही माना है। 

हालांकि जिन अध्यापकों का नाम एफ.आई.आर. में हैं, उनको कोई राहत नहीं मिली। ट्रिब्यूनल ने चंडीगढ़ प्रशासन के 800 से ज्यादा शिक्षकों को नौकरी से हटाने का फैसला निरस्त कर दिया था। कैट ने अपने फैसले में 850 में से जिन 40 शिक्षकों के नाम एफ.आई.आर. हैं, उन्हें छोड़ बाकी के खिलाफ बर्खास्तगी का फैसला पूरी तरह गलत बताया था।

जबकि अन्य के मामले में कुछ शर्तें तय की गई थी कि एफ.आई.आर. की जांच और कोर्ट के फैसले के बाद उन पर फैसला होगा। कैट के इस फैसले के बाद चंडीगढ़ में कार्यरत शिक्षकों की नौकरी पर काफी समय से लटक रही तलवार हट गई थी लेकिन यू.टी. प्रशासन ने हाईकोर्ट का रुख करके एक बार फिर से अध्यापकों को दुविधा में डाल दिया था।

10 लाख में बिका था प्रश्नपत्र :
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने 2014 में करीब 1150 शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की थी। मैरिट के आधार पर 2015 में शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी गई। बाद में पंजाब में हुई भर्ती में धांधली में गिरफ्तार आरोपियों से पता चला कि चंडीगढ़ में भी टीचर भर्ती में भी घोटाला हुआ है। 

आरोपियों ने 10 लाख तक में प्रश्नपत्र बेच दिए थे। मामले में भर्ती हुए करीब 40 टीचर्स पर पुलिस ने एफ.आई.आर. दर्ज की थी और कई की गिरफ्तारी भी हुई। केस पर जांच अभी जारी है।

सुप्रीम कोर्ट जा सकता है प्रशासन :
यू.टी. प्रशासन ने सभी 850 टीचर्स को टर्मिनेट कर दिया था। घोटाले के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने प्रशासक को पूरी भर्ती प्रक्रिया को खारिज करने के लिए लिखा था। इस मामले में गठित कमेटी ने भी सभी 850 शिक्षकों को नौकरी से हटाने के लिए कहा। इसके बाद 30 मई, 2018 को उन्हें हटा दिया गया। 

हालांकि शिक्षकों द्वारा कैट का रुख किया गया था। फरवरी, 2019 में कैट ने शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने हाईकोर्ट का रुख किया था लेकिन यहां भी जीत टीचर्स की हुई जिन्हें पुन: नौकरी पर वापस लिया जाएगा। हालांकि प्रशासन चाहे तो सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है। 

Priyanka rana

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