11 को होगा विरोध मार्च और 15 को यूनियन करेगी हड़ताल

Monday, Oct 07, 2019 - 11:06 AM (IST)

चंडीगढ़(वैभव) : शिक्षा विभाग ग्रुप डी यूनियन के प्रधान रंजीत मिश्रा को नौकरी से निकाले करीब 2 हफ्ते का समय बीत चुका है। इन दो हफ्तों में यूनियन द्वारा डी.ई. ओ. ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया लेकिन अभी तक रंजीत मिश्रा की बहाली नहीं हो पाई है। 

इसको लेकर यूनियन ने हाल ही में एक बैठक की थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि आगामी 11 अक्तूबर को शिक्षा विभाग के खिलाफ बड़ा रोष प्रदर्शन किया गया और 15 अक्तूबर को यूनियन हड़ताल पर बैठेगी। यूनियन ने डी.ई.ओ. अनुजीत कौर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह मनमानी चला रही हैं। वह ग्रुप डी यूनियन के पदाधिकारियों को मिलने का समय भी नहीं देती। इसके अलावा अनुजीत कौर स्कूलों के कुछ हैंड और प्रिंसीपल्स से अपनी ग्रुप डी कर्मचारियों को जान-बूझ कर परेशान करवाती है। 

डी.ई.ओ. पर लगाए कई गंभीर आरोप
यूनियन ने बैठक में कहा कि अगर किसी ग्रुप डी कर्मचारी को कोई भी परेशानी होती है तो वह उस परेशानी को लेकर डी.ई.ओ. के पास लेकर जाता है तो वह न तो उनसे मिलती है और न ही बात करती है। इसके बावजूद अगर कोई यूनियन डी.ई.ओ. अनुजीत कौर कर्मचारियों की परेशानी के लिए बात करता है तो अनुजीत कौर उसे नौकरी से निकाल देती है, जैसा उन्होंने रंजीत मिश्रा के साथ किया है। 

आलाधिकारियों को दी जाती है गलत रिपोर्ट :
 डी.ई.ओ. अनुजीत कौर की मनमानी का दौर यहीं खत्म नहीं होता है। वह शिक्षा विभाग के आला अधिकारी (डी.एस.ई. और शिक्षा  सचिव) को ग्रुप डी कर्मचारियों के संबंध में गलत जानकारियां देती है। इसके बाद ग्रुप डी के कर्मचारियों के साथ मुजरिमों जैसा बर्ताव किया जाता है। 

इसके बावजूद डी.ई.ओ. पर  कार्रवाई होने की बजाय यूनियन के सदस्यों और अधिकारियों पर होती है। यूनियन जब भी बोलती है तो उनका मुंह बंद करवाने के लिए उन्हें धमकाया जाता है। उन्होंने शिक्षा विभाग को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने रंजीत मिश्रा को वापिस बहाल नहीं किया तो प्रदर्शन के दौरान अगर किसी भी प्रकार शांति भंग होती है तो उसकी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग और डी.ई.ओ. की होगी।
 

Priyanka rana

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