बिना टैंडर निकाले ही दो सरकारी स्कूलों में अलॉट की कैंटीन

punjabkesari.in Thursday, Sep 12, 2019 - 10:43 AM (IST)

चंडीगढ़(वैभव) : शिक्षा विभाग ने अपनी मनमर्जी से दो स्कूलों में बिना टैंडर निकाले ही उन्हें कैंटीन अलॉट कर दी है। सूत्रों के अनुसार ये कैंटीन विभाग में ही काम रहे एक कर्मचारी के रिश्तेदार को अलॉट हुई है, जबकि दूसरी प्रिंसीपल के विभाग में रसूख की वजह से उसे मिली है। 

कैंटीनों को सभी नियम और कानून को ताक पर रखकर अलॉट किया गया। इसके बाद विभाग सवालों के घेरे में आ गया है कि उन्होंने कैटीनों के अलॉटमैंट के लिए टैंडर कॉल क्यों नहीं किया। अगर उन्होंने टैंडर कॉल किया था तो फिर उसकी जानकारी शिक्षा विभाग की वैबसाइट पर क्यों नहीं दी गई। विभाग द्वारा मलोया में बने नए स्कूल और जी.एम.एस.एस.एस.-धनास में कैंटीन अलॉटमैंट के लिए कोई टैंडर नहीं निकाला था।

विभाग ने खुद उड़ाई नियमों की धज्जियां :
बिना टैंडर निकाले कैंटीनों को अलॉट करके विभाग के अधिकारियों ने खुद नियमों को ताक पर रख दिया। इससे एक बात तो साफ है विभाग द्वारा स्कूलों में केवल उनकी मनमर्जी से सब कुछ होगा। कैंटीन अलॉट करने के लिए जो नियम कानून बने हैं विभाग के लिए वह केवल कागजों तक ही सीमित है। विभाग के अधिकारी अपने रसूकदारों को पूरा फायदा दे रहे हैं। 

शिक्षा विभाग द्वारा कैंटीन अलॉटमैंट की कोई भी जानकारी ऑफिशियल वैबसाइट पर नहीं दी गई। विभाग द्वारा कैंटीनों को ऐसे की अलॉट कर दिया गया, जो नियमों के खिलाफ हैं। अगर शिक्षा विभाग का कोई कर्मचारी नियमों को तोड़ता है तो उसे विभाग द्वारा जुर्माना और कड़ी सजा दी जाती है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि जिस अधिकारी ने बिना टैंडर निकाले कैंटीनों को अलॉट किया है उसके खिलाफ विभाग द्वारा क्या एक्शन लिया जाएगा।

कैंटीन अलॉटमैंट के लिए टैंडर निकालना है जरूरी :
नियमों के अनुसार किसी स्कूल में कैंटीन अलॉट करनी है तो उसके लिए बकायदा टैंडर कॉल की जाती है और आवेदन मांगे जाते हैं। लेकिन इन स्कूलों में कैंटीन अलॉट करने के लिए विभाग ने न कोई टैंडर निकाला और न ही किसी को ऑफिशियल तौर पर जानकारी दी कि इन स्कूलों में कैंंटीन के लिए आवेदन निकाले गए है। 

विभाग द्वारा ऐसे ही कैंटीनों को अलॉट कर दिया गया। धनास के स्कूल में काफी समय पहले कैंटीन अलॉट की गई थी, लेकिन मलोया में बने नए स्कूल को गत 5 अगस्त को ही ओपन किया गया था। इसमें बकायदा कैंटीन की सुविधा भी दी हुई है, लेकिन कैंटीन अलॉटमैंट के लिए लगता है कि विभाग टैंडर करना भूल गया था। 


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Priyanka rana

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