PU कैंपस में नहीं बढ़ाई गई ई-रिक्शा

punjabkesari.in Saturday, Oct 21, 2017 - 09:49 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि) : पंजाब यूनिवर्सिटी में इस वर्ष ई-रिक्शा नहीं बढ़ाई गई है। जबकि इस वर्ष पी.यू कैंपस में ई-रिक्शा की संख्या बढ़कर 100 की जानी थी। लेकिन साल खत्म होने को है अब तक कैंपस में  ई-रिक्शा बढ़ाई नहीं गई है। पी.यू. प्रबंधन की यह सारी योजना धरी-की धरी रह गई है। ई-रिक्शा कैंपस में पिछले वर्ष मई माह 2016 में आऊटसोर्सिंग के तहत चलाई गई थी। लेकिन यह प्रोजैक्ट अब कैंपस में फेल होता नजर आ रहा है।  

 

जानकारी के मुताबिक पी.यू. में हाल ही में 5 ई-रिक्शा बढ़ाई गई है। पी.यू. में इस समय 27 ई-रिक्शा चल रही हैं। यह गिनती हाल ही में पांच ई-रिक्शा के बढ़ाए जाने के बाद की है। पी.यू. में पिछले वर्ष 2016 में  ई-रिकशा शुरू की गई थी। उस समय कैंपस में 22 के करीब ‘ई-रिक्शा’ लांच की गई थी। बाद में इनकी संख्या बढ़ाकर 30 कर दी गई थी। बीच में कुछ रिपेयर के लिए आती-जाती रहीं। यानि प्रोजैक्ट को एक वर्ष से ज्यादा समय हो गया है। लेकिन कैंपस  में ई-रिक्शा नहीं बढ़ रहीं है। 

 

ध्यान रहे कि साऊथ कैंपस के स्टूडैंट भी ई-रिक्शा साऊथ कैंपस में चलाने की मांग कर रहे हैं। ज्यादातर ई-रिक्शा सैक्टर-14 में ही चलती रहती हैं। एक ई-रिक्शा चालक को दस हजार वेतन दिया जाता है। वह सुबह आठ बजे से दोपहर 6 बजे तक  की शिफट  में काम करते है। एक ई-रिक्शा चालक 700 से एक हजार के बीच आय करता है। 

 

चालकों ने बताया कि एक ई-रिक्शा की बैटरी भी जल्दी खराब हो जाती है। इसके अलावा ई-रिक्शा की मैंटेनेंस भी रैगुलर करवानी होती है। कई बार चालक  कैंपस से काम छोड़कर चले जाते हैं क्योंकि उन्हें हफ्ते में एक दिन भी छुट्टी नहीं मिलती है और उनसे 12-12 घंटे काम लिया जाता है।  ऐेसे में बार-बार नए चालकों को काम पर रखने के  लिए तलाशना पड़ता है।

 

स्टूडैंट्स को है फायदा :
इस प्रोजैक्ट से स्टूडैंट्स को काफी फायदा हुआ है। क्योंकि स्टूडैंट्स सैक्टर-14 पी.जी.आई. से सैक्टर-25 या पूरे कैंपस में सिर्फ 10 रुपए में पहुंच सकते हैं। इससे पहले स्टूडैंट्स को आटो में काफी पैसे खर्च करने पड़ते थे। या फिर बस शटल का इंतजार करना पड़ता था। 
 


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