सी.एच.बी. ने सभी विभागों में ई-ऑफिस मॉडयूल सिस्टम किया लागू

punjabkesari.in Monday, Feb 15, 2021 - 10:03 PM (IST)

चंडीगढ़,(राजिंद्र शर्मा): चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड (सी.एच.बी.) ने अपने सभी विभागों में ई-ऑफिस मॉडयूल सिस्टम लागू कर दिया है, जिससे अब फाइल क्लीयर होने में आधे से भी कम समय लगेगा। ऑफिस में अब फिजीकल फाइनल नहीं, बल्कि कंप्यूटर पर ही फाइल आगे बढ़ रही है। इससे पहले जिस फाइल में 30 से 40 दिन अप्रूवल में लग रहे थे, वह अब 15 से 20 दिन में क्लीयर हो रही है। पहले विभाग ने अकाऊंट्स व रिकवरी ब्रांच में इसका काम पूरा किया था, जिसके बाद ही अन्य विभागों में भी इसे लागू किया गया है। इसे लेकर स्टैंडर्ड ऑप्रेटिंग प्रोसीजर भी जारी किया गया था और उसी के मुताबिक अधिकारियों व कर्मचारियों को काम करना है।

 


फिजीकल फाइल को भी चैक करना होगा
इस संबंध में चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर यशपाल गर्ग ने बताया कि उन्होंने सभी विभागों में इस नए सिस्टम को लागू कर दिया है, जिससे अब कर्मचारियों को ई-फाइल मूव करने के ही निर्देश दिए गए। सिर्फ खास परस्थितियों में ही फिजीकल फाइल चलाई जाएगी, जहां फाइल की अप्रूवल में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी होगी। बोर्ड ने कर्मचारियों को साफ किया है कि फाइल मूव करने से पहले फिजीकली फाइल को भी अच्छी तरह से चैक करना होगा कि ई-फाइल में सभी प्रकार के डॉक्यूमैंट्स पूरे हैं या नहीं।

बता दें कि बोर्ड में कोई भी डाक व लोगों की एप्लीकेशन या सभी प्रकार के प्रशासनिक आर्डर आते ही ई-फाइल में कन्वर्ट कर दिए जाएंगे, जिससे ई-फाइल पर ही आगे काम होगा, ताकि फाइल का स्टेटस जानने में आसानी हो सकें। इस नए सिस्टम से अब ट्रांसफर, एन.ओ.सी., अलॉटमैंट समेत सभी प्रोजैक्ट्स में भी अप्रूवल लेने में आसानी होगी। 


कर्मचारियों को दी थी ट्रेनिंग 
एन.आई.सी. की तरफ से चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी गई थी कि इसे कैसे ऑप्रेट किया जाना चाहिए। बोर्ड में कंप्यूटर सेक्शन की तरफ से इस काम के लिए सभी प्रकार की जरूरतें स्कैनर्स, ई-मेल अकाऊंट्स ऑफ एन.आई.सी. और डिजीटल सिग्नेचर का पहले ही पूरा कर लिया था। एन.आई.सी. द्वारा तैयार ई-ऑफिस मॉडयूल केंद्र व राज्यों सरकार के कई विभागों में शुरू किया गया था, जिसके बाद ही बोर्ड ने शहर में सबसे पहले अपने विभागों में इसकी शुरूआत करने का फैसला लिया था। बोर्ड ने संबंधित विभागों को आदेश जारी किए हैं कि पुरानी फाइल्स को भी ई-फाइल्स में तब्दील करने के लिए प्रक्रिया भी साथ-साथ पूरी की जानी चाहिए, ताकि इसमें देरी न हो। ई-फाइल बनाते समय मॉडयूल से एक ऑटोमेटिक फाइल नंबर जनरेट होगा, जिससे फाइल को ट्रैक करने में मदद मिलेगी। 


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News Editor

AJIT DHANKHAR

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