सांझी खेवट की तकसीम के लिए नया कानून लाएगी हरियाणा सरकार
punjabkesari.in Saturday, May 06, 2023 - 08:02 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ई-गवर्नेंस से सुशासन की दिशा में बढ़ते हुए राज्य सरकार ने लोगों को बड़ी राहत प्रदान करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जमाबंदी की फर्द यानी ई-फर्द प्रणाली की शुरूआत की है। अब लोगों को अपनी जमाबंदी की हस्ताक्षर युक्त फर्द निकालने के लिए पटवारियों के कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते, बल्कि पोर्टल के माध्यम से लोग डिजिटल हस्ताक्षर युक्त फर्द अर्थात नकल प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पारिवारिक जमीनों के झगड़ों से निपटान के लिए सांझी खेवट की तकसीम के लिए प्रदेश सरकार नया कानून ला रही है। इस कदम से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और अदालतों में लंबे समय तक चलने वाले जमीनी झगड़ों से भी निजात मिलेगी। मुख्यमंत्री शनिवार को ऑडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से ई-फर्द सुविधा का लाभ उठाने वाले लाभाॢथयों से सीधा संवाद कर रहे थे।
लाभाॢथयों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया
लाभाॢथयों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने ई-फर्द प्रणाली लागू करके आम जनमानस को बहुत बड़ी राहत दी है। क्योंकि पहले फर्द प्राप्त करने के लिए पटवारियों के चक्कर काटने पड़ते थे, यहां तक कि महीनों महीनों का समय लगता था लेकिन अब यह काम घर बैठे मिनटों में ही हो जाता है। सरकार का यह कदम क्रांतिकारी कदम है।
4 माह में 10 हजार लोगों ने ई-फर्द की डाऊनलोड
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 25 दिसम्बर, 2022 को पोर्टल शुरू किया था और यह खुशी की बात है कि पिछले 4 माह में लगभग 10 हजार लोगों ने डिजिटल हस्ताक्षर युक्त ई-फर्द ऑनलाइन डाऊनलोड की है। एक फर्द के लिए सॢवस चार्ज मात्र 100 रुपए है और पहले खेवट के लिए 10 रुपए तथा इसके बाद के प्रत्येक खेवट के लिए 5 रुपए फीस देनी होती है। पहले इस काम के लिए दलाल कमीशन लिया करते थे, लेकिन अब ऐसे दलालों से मुक्ति मिली है। जमाबंदी पोर्टल लैंड रिकॉर्ड संबंधी जानकारी के लिए सिंगल विंडो का काम करता है। इस पोर्टल पर ही ई-फर्द के अलावा भूमि डेटा से संबंधित सभी जानकारियां जैसे कि खसरा, खतौनी जमीन का नक्शा, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, स्टाम्प शुल्क कैलकुलेटर आदि सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
जिला मुख्यालयों व राज्य मुख्यालय पर डिजिटल राजस्व रिकॉर्ड रूम बने
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशभर की सभी 143 तहसीलों/उप-तहसीलों में वैब- हैलरिस प्रणाली का उपयोग करते हुए भूमि अभिलेख प्रबंधन कार्यों का कम्प्यूटरीकरण किया है। सभी राजस्व रिकॉर्ड रूम का भी कम्प्यूटरीकरण कर दिया है। सभी जिला मुख्यालयों तथा राज्य मुख्यालय पर डिजिटल राजस्व रिकॉर्ड रूम स्थापित किए गए थे। इस नई पहल के तहत महत्वपूर्ण राजस्व रिकॉर्ड और दस्तावेजों को स्कैन व सूचीबद्ध करके आधुनिक रिकॉर्ड रूम में डिजिटल बॉक्स में रखा गया है । इसके लिए 18 करोड़ 50 लाख दस्तावेजों को स्कैन किया गया है। आई.टी. की सहायता से अब रिकॉर्ड को मैंटेन करना और जरूरत पडऩे पर इसे ढूंढना आसान हो गया है।
जमीनों की रजिस्ट्री के लिए ई-पंजीकरण प्रणाली की लागू
मनोहर लाल ने कहा कि रजिस्ट्री करवाने अथवा तहसील के अन्य कार्यों के लिए लोगों को इंतजार न करना पड़े यह सुनिश्चित करने के लिए ई-पंजीकरण प्रणाली की शुरूआत की है। कोई भी व्यक्ति प्रदेश के एक जिले के किसी भी तहसील कार्यालय में जाकर अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री करवा सकता है। अब तो सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी जमीन की रजिस्ट्री किसी भी तहसील में करवा सकता है।
गांवों को लाल डोरा मुक्त कर लोगों को दिया मालिकाना हक
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजों के समय से चली आ रही लाल डोरा प्रथा के तहत पहले गांवों में लाल डोरा के भीतर रजिस्ट्री नहीं होती थी। इस कारण जमीन के कारण काफी झगड़े होते थे। राज्य सरकार ने इस समस्या का समाधान करने के लिए गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के अभियान की शुरूआत की। इस योजना के तहत सभी गांवों को लाल डोरा मुक्त किया गया और लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिया गया।
सरकार की पहल से विपक्ष हो रहा परेशान
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार परिवार पहचान पत्र के माध्यम से पात्र परिवारों को सभी प्रकार के लाभ दे रही है। हालांकि, विपक्ष के लोग इन सुविधाओं को देख कर परेशान हो रहे हैं, कि कैसे सरकार जन कल्याण के लिए कार्य कर रही है। विपक्ष के लोग कहते हैं कि वे इन पोर्टल को खत्म कर देंगे जबकि वास्तविकता तो यह है कि लोगों को इन पोर्टल से काफी लाभ हो रहा है। जनता सब समझती है, लोगों को उनकी बातों से भ्रमित नहीं होना है।