सभी खाली रैजीडैंशियल प्रॉपर्टी की होगी ई-ऑक्शन

Saturday, Jul 02, 2016 - 07:52 AM (IST)

चंडीगढ़ (विजय गौड़) : स्मार्ट सिटी में अपने आशियाने का सपना देखने वालों को जल्द ही चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड (सी.एच.बी.) अपनी 40वीं वर्षगांठ में घर का तोहफा दे सकता है। 30 जून को हुई सी.एच.बी. की बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्स की मीटिंग में फैसला लिया गया कि जितनी भी खाली रैजीडैंशियल प्रॉपर्टी है उनकी जल्द ही ई-ऑक्शन करवाई जाएगी। 

 
फिलहाल बोर्ड यह जानकारी हासिल कर रहा है कि इस समय शहर में कितनी ऐसी रैजीडैंशियल प्रॉपर्टी है जहां पर कोई निर्माण नहीं हुआ है। अधिकारियों के अनुसार ई-ऑक्शन का काम 15 अगस्त से शुरू किया जाएगा। गौरतलब है कि शहर में 2009 से किसी भी रैजीडैंशियल प्रॉपर्टी की ऑक्शन नहीं हुई है। न एस्टेट ऑफिस और न ही सी.एच.बी. ने पिछले छह सालों में कोई ऑक्शन करवाई। 
 
इसके साथ ही अधिकारियों ने यह भी फैसला लिया है कि बोर्ड की 40वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में उन एप्लीकैंट्स को राहत दी जाएगी जो ट्रांसफर के लिए अप्लाई करेंगे। जानकारी के अनुसार 1 जुलाई से 31 दिसम्बर तक जो भी एप्लीकैंट ट्रांसफर के लिए अप्लाई करेगा उसे ट्रांसफर फीस पर 40 प्रतिशत तक की रीबेट मिलेगी।
 
 
अब लिफ्ट की भी मिल सकेगी सुविधा : 
 
सी.एच.बी. ने अपने सभी अलॉटियों के लिए लिफ्ट की सुविधा का भी फैसला लिया है। इनमें वे डिवैङ्क्षलग यूनिट्स भी शामिल हैं जो पहले बन चुकी है। हालांकि बोर्ड ने इसके लिए कुछ कंडीशन भी लगाई हैं। अलॉटी को ब्लॉक का डिजाइन काऊंसिल ऑफ आर्कीटैक्ट्स से रजिस्टर्ड क्वालिफाइड आर्कीटैक्ट से तैयार करवाना होगा। इसके बाद इस डिजाइन को चंडीगढ़ प्रशासन से रजिस्टर्ड इंजीनियर से सर्टीफिकेट अटैच करने के बाद पी.ए.सी. (अप्पर) में सबमिट करवाना होगा। ब्लॉक के सभी अलॉटी से कंसैंट लेनी भी जरूरी होगी। 
 
अतिरिक्त दरवाजे का भी दिया ऑप्शन : 
 
अलॉटी अब अपने घर में जरूरत के अनुसार एक अतिरिक्त दरवाजा भी बना सकेंगे। हालांकि इसके लिए अलॉटी को चंडीगढ़ प्रशासन से रजिस्टर्ड स्ट्रक्चरल इंजीनियर से स्ट्रक्चरल स्टैबिलिटी सर्टीफिकेट हासिल करना होगा। इसकी कॉपी अलॉटी को बोर्ड के पास सबमिट करवानी होगी। इसके साथ ही अलॉटी को लिखित में ग्राऊंड, फस्र्ट, सैकेंड और थर्ड फ्लोर के अलॉटी से भी कंसैंट लेनी पड़ेगी। बोर्ड की ओर से कहा गया है कि दरवाजा पब्लिक ओपन स्पेस, सड़क की तरफ/रोड बर्म/पेवमैंट, प्लॉटिड एरिया के बाहर, ओपन ग्रीन स्पेस और रिजर्वड स्पेस की ओर नहीं बनाया जा सकता है।
 
सरप्लस बजट को किया जाएगा इन्वैस्ट : 
 
मीटिंग के दौरान यह भी फैसला लिया गया कि सी.एच.बी. के पास जितना भी सरप्लस बजट होगा उसे मार्कीट में इन्वैस्ट किया जाएगा। शुरूआती चरण में बोर्ड ने एस.बी.आई., एच.डी.एफ.सी., आई.सी.आई.सी.आई. और यू.टी.आई. जैसी ऑर्गेनाइजेशन में इन्वैस्ट करने का फैसला लिया है। बोर्ड के सदस्यों ने यह भी कहा कि ऐसा ही सुझाव चंडीगढ़ प्रशासन को भी दिया जाएगा। जिसके तहत ट्रेजरी बिल, कमर्शियल पेपर्स और सर्टीफिकेट्स को भी लाया जाएगा। क्योंकि ये बाजार के उतार-चढ़ाव के अंतर्गत नहीं आते हैं। कम से कम ब्याज की दर 10 प्रतिशत तय की गई है।
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