चाइल्ड मैपिंग में लगी टीचर्स की ड्यूटी, कैसे पूरा होगा सिलेबस

Thursday, Dec 06, 2018 - 09:09 AM (IST)

चंडीगढ़(रश्मि): हर वर्ष की तरह इस बार शिक्षा विभाग की ओर से चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में कार्यरत टीचर्स की 10 दिसम्बर तक ड्यूटी चाइल्ड मैपिंग सर्वे में लगाई है। इसकी रिपोर्ट मार्च तक देनी भी है। सर्वे के दौरान टीचर्स के साथ बदतमीजी के मामले सामने आ रहे हैं, जिस कारण टीचर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं सर्वें के दौरान शिक्षकों के साथ हो रही बदतमीजी को लेकर वीडियो भी वायरल हुई है।

इसी को लेकर शिक्षकों में रोष व्याप्त है। टीचर्स का कहना है कि हम शिक्षा विभाग के आदेशानुसार घर-घर जाकर सर्वे करने जाते हैं लेकिन लोग कई बार उन्हें ऐसे ट्रीट करते हैं जैसे मानो हम चंदा मांग रहे हों। टीचर्स का कहना है कि उन्हें कभी इलैक्शन में तो कभी सर्वे में ड्यूटी लगा दी जाती है। ऐसे में वह बच्चों को पढ़ाएंगे कब। ऐसे में बच्चों का सिलेबस कब पूरा होगा। 

सिलेबस पूरा होगा तभी रिजल्ट अच्छा आएगा
शिक्षा विभाग द्वारा पिछले वर्ष परीक्षाओं का परिणाम खराब आने के चलते सारी गलती टीचर्स पर थोप दी थी। इसी के चलते कई टीचर्स को सस्पैंड किया गया था। यह कहना है यू.टी. कैडर एजुकैशनल इम्प्लायज यूनियन के प्रधान स्वर्ण सिंह कंबोज का। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग का इस ओर ध्यान क्यों नहीं जाता कि शिक्षक अपने कक्षाओं का सिलेबस बीच में ही छोड़ सर्वे करने में लगे हुए हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। वहीं शिक्षा विभाग सिर्फ सरकारी स्कूलों की ही ड्यूटी सर्वें में क्यों लगाते हैं, प्राइवेट स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की क्यों नहीं लगाई जाती।

अप्रैल में सर्वे करवाता था शिक्षा विभाग
हर साल शिक्षा विभाग चाइल्ड मैपिंग सर्वे अप्रैल महीने में करवाता था। बच्चों की परीक्षाएं भी लगभग समाप्त हो जाती थीं। लेकिन पिछले तीन वर्षों से विभाग यह सर्वें दिसम्बर में करवा रही है। इसकी जानकारी मार्च तक मांगी जा रही है। वहीं चाइल्ड मैपिंग सर्वे के अंतगर्त जो बच्चे स्कूल नहीं जाते या फिर स्कूल छोड़ देते हैं उनके बारे में टीचर्स द्वारा लगाई ड्यूटी के दौरान जानकारी जुटानी पड़ती है। फिर ये जानकारी शिक्षा विभाग को सौंपनी पड़ती है। 

bhavita joshi

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