भतीजे ने चाचा को घेरने के लिए रची रणनीति
punjabkesari.in Thursday, Jan 14, 2021 - 07:42 PM (IST)
चंडीगढ़, (बंसल): कृषि कानूनों के विरोध में सशर्त इस्तीफा स्पीकर को भेजने वाले इनैलो विधायक अभय चौटाला को घेरने के लिए उनके भतीजे दुष्यंत चौटाला ने नई रणनीति रची है। इस्तीफे के पत्र में विधानसभा को संवेदनहीन बताने के विरुद्ध दुष्यंत चौटाला विशेषाधिकार का प्रस्ताव लाएंगे। उन्होंने विधानसभा को संवेदनहीन बताने को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा कि कई बार विधानसभा सदस्य रह चुके अभय चौटाला को ऐसे शब्द शोभा नहीं देते।
उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव पर भाजपा-जजपा विधायकों के अलावा कांग्रेस विधायकों के भी हस्ताक्षर करवाए जाएंगे, क्योंकि अभय ने पूरे सदन का अपमान किया है। यह विधानसभा की तौहीन है और इसे माफ नहीं किया जा सकता। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने के सवाल पर दुष्यंत ने कहा जब चाहें अविश्वास प्रस्ताव ले आएं, हम तैयार हैं। वह आज अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बीते दिवस कहा था कि उन्हें आज तक अभय चौटाला का इस्तीफा नहीं मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि सशर्त इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इस्तीफा देने के लिए स्पष्ट तौर पर यह लिखना होता है कि मैं विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।
‘जजपा में मतभेदों की बात को नकारा’
जजपा में मतभेदों की बात को नकारते हुए दुष्यंत ने कहा कि पार्टी विधायकों व नेताओं में किसी तरह के मतभेद नहीं हैं। विधायक भी कृषि कानूनों में संशोधन की मांग कर रहे थे और इसके लिए केंद्र कह ही चुका है। तीन कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बार्डर पर चल रहे आंदोलन को लेकर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मैं खुद किसान हूं और जजपा किसानों के साथ है। जजपा ने कृषि कानूनों में बदलाव और किसानों को एम.एस.पी. की गारंटी का समर्थन किया था। केंद्र सरकार कानूनों में संशोधन के लिए भी तैयार है और एम.एस.पी. की गारंटी भी दी जा रही है। ऐसे में अब किसी तरह की अड़चन नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही दिन कहा था कि एम.एस.पी. पर कोई संकट आया तो सबसे पहले मैं इस्तीफा दूंगा।
‘पंचायत चुनाव समय पर होंगे’
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं-जिला परिषद, ब्लॉक समिति व ग्राम पंचायतों के चुनाव समय पर ही होंगे। मौजूदा पंचायतों का कार्यकाल 24 फरवरी तक है। इससे पहले नई पंचायतों का गठन होना है। उन्होंने बताया कि 200 नई पंचायतें बनी हैं। इनकी वार्डबंदी का काम अंतिम चरण में है।