तालाब को डंपिंग ग्राऊंड बनने से रोको, खेलने को बना दो पार्क

Saturday, Sep 28, 2019 - 09:59 AM (IST)

चंडीगढ़(रमेश) : नयागांव में बचपन प्ले स्कूल में पढ़ रही पहली कक्षा की चार वर्षीय स्टूडैंट और एक बुजुर्ग ने उनके स्कूल और घर के निकट पड़ते तालाब को डंपिंग ग्राऊंड में तब्दील होने से रोकने की गुहार करते हुए उक्त स्थान को बच्चों व बुजुर्गों के लिए पार्क में तब्दील किए जाने की मांग की है। 

इस याचिका पर पहली सुनवाई पर ही पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट सख्त दिखा और लोकल बॉडी विभाग के प्रिंसीपल सैक्रेटरी और नगर काऊंसिल नयागांव को नोटिस जारी करते हुए एक नवम्बर तक जवाब दाखिल करने को कहा है। यही नहीं, हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक तालाब में कूड़ा गिराने पर रोक लगा दी है।

बदबू का आलम, सेहत को खतरा :
समृद्धि नामक बच्ची और बुजुर्ग ने याचिका में कहा है कि नयागांव में खेड़ा के पास तालाब की 12 कनाल जमीन लालडोरा के भीतर है और नगर कौंसिल के अधिकार क्षत्र में आती है। इसे लोग कूड़ा व मलबा गिराने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं जो कि धीरे-धीरे डंपिंग ग्राऊंड का रूप लेती जा रही है। 

हालत ऐसे बन गए हैं कि आसपास बदबू का आलम है और यहां से गुजरना भी मुश्किल हो गया है। आसपास रहने वालों की सेहत के लिए भी खतरा पैदा हो गया है। याचिका में गुहार लगाई गई है कि नगर कौंसिल और अन्य प्रतिवादियों को आदेश दिए जाएं कि तालाब को पार्क में बदला जाए, जहां बच्चों के लिए झूले लगाए जाएं। बुजुर्गों के लिए सैर की व्यवस्था की जाए। 

मास्टर प्लान का हिस्सा, फिर भी सुविधाएं नहीं :
याचिका दाखिल करने वाले वकील मोहिंदर सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि नयागांव को सरकार ने मास्टर प्लान में लिया है, जहां वर्ष 2006 में नोटीफाइड एरिया कमेटी, पंचायत समिति और बाद में अपग्रेड कर नगर कौंसिल की स्थापना की जा चुकी है। 

यहां करीब 80000 की आबादी है लेकिन यहां न तो कोई पार्क है और न खेल मैदान। सार्वजानिक शौचालय, सीवरेज सिस्टम, सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट, अस्पताल, डिस्पैंसरी, बस स्टॉप और सामुदायिक केंद्र भी नहीं हैं। यहां पर डोर टू डोर गारबेज भी कलैक्ट नहीं किया जाता।  

ज्ञापन देने के बाद भी नहीं दिखाई विभाग ने गंभीरता :
उन्होंने कोर्ट को बताया कि नयागांव में खेड़ा के पास 12 कनाल जगह में कभी तालाब हुआ करता था लेकिन खाली जगह होने के कारण लोगों ने यहां घरों का मलबा, कबाड़ और कूड़ा गिरना शुरू कर दिया है। 

इस संबंध में नयागांव वासियों ने 22 अगस्त को संबंधित विभाग को ज्ञापन भी दिया लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद लोग हाईकोर्ट की शरण में आए हैं क्योंकि ऐसे हालात पैदा हो गए हैं कि लोगों को घर की चारदीवारी में सिमट कर रहने को मजबूर किया जा रहा है। कोर्ट ने संबंधित प्रतिवादियों को एक नवम्बर तक जवाब दाखिल करने को कहा है। 

Priyanka rana

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