कानून-व्यवस्था सुधारने में प्रदेश सरकार  पूरी तरह विफल : हुड्डा

Thursday, Jul 21, 2022 - 08:59 PM (IST)

चंडीगढ़, (बंसल): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कानून-व्यवस्था को सुधारने में पूरी तरह विफल प्रदेश सरकार की स्थिति खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे वाली है। हुड्डा आज चंडीगढ़ स्थित आवास पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि 8 साल से सत्ता में होने के बावजूद सरकार अपनी विफलताओं का ठीकरा पूर्ववर्ती सरकार पर फोडऩा चाहती है। आज प्रदेश में न कानून बनाने वाले विधायक सुरक्षित हैं, न ही कानून को लागू करवाने वाली पुलिस और न ही आम आदमी। माइङ्क्षनग माफिया इस कदर बेखौफ है कि वह दिनदिहाड़े डी.एस.पी. रैंक के पुलिस अधिकारी की हत्या करने से भी गुरेज नहीं करता।

 


हुड्डा ने कहा कि शहीद डी.एस.पी. सुरेंद्र बिश्नोई के परिवार की तरफ से पूरे मामले की सी.बी.आई. जांच करवाने की मांग उठाई गई है। लेकिन सरकार ने उसे नजरअंदाज कर दिया। सरकार को शहीद डी.एस.पी. सुरेंद्र बिश्नोई के परिवार की संतुष्टि और उन्हें न्याय दिलवाने के लिए पूरे मामले की सी.बी.आई. जांच करवानी चाहिए।
 

 

बेकाबू माइङ्क्षनग माफिया ने 31 पहाड़ों को खत्म कर डाला 
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार की नाक के नीचे बेकाबू माइङ्क्षनग माफिया ने प्रदेश के 31 पहाड़ों को खत्म कर हजम कर डाला। यही नहीं, माफिया यमुना की रेत भी खा गया। ऐसे में सरकार को बताना चाहिए कि यह माफिया संरक्षण प्राप्त है या बेकाबू है। हुड्डा ने कहा कि सरकार की इच्छाशक्ति के अभाव में लगातार अपराध बढ़ता जा रहा है। एन.सी.आर.बी. के आंकड़े बताते हैं कि साल 2019 में अपराध के 1,66,336 मामले सामने आए थे, जो अगले साल 2020 में बढ़कर 1,92,395 हो गए। 2020 के ही आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में 1143 यानी रोज 3 से 4 हत्याएं हुई। इसी तरह रोजाना 8 अपहरण के मामले सामने आए। इसके अलावा रेप, चोरी, लूट, डकैती, फिरौती के अनगिनत मामले सामने आते हैं। हुड्डा ने कहा कि बिगड़ी कानून-व्यवस्था का असर सिर्फ आम लोगों की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी वजह से प्रदेश में निवेश और रोजगार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। एन.आई.आर.एफ. रैंकिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि आज प्रदेश के तमाम विश्वविद्यालयों की रैंकिंग इतनी गिर चुकी है कि वो टॉप सौ की लिस्ट से बाहर हो चुकी है।

Ajay Chandigarh

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