11 अक्तूबर से घरों से गीला व सूखा कचरा उठाएगा निगम
punjabkesari.in Thursday, Oct 10, 2019 - 01:18 PM (IST)

चंडीगढ़(राय) : चंडीगढ़ नगर निगम ने आगामी 11 अक्तूबर से घरेलू स्तर पर कचरा पृथककरण शुरू करने का फैसला तो कर लिया है लेकिन इसके लिए अभी कोई ठोस योजना नहीं बनाई है। अब प्रशासन ने निगम से पूछा है कि वह किस योजना के तहत दो दिन बाद शहर के हर घर से गीला व सूखा कचरा अलग अलग उठाने वाला है।
प्रशासन ने निगम से कचरा अलग करने की प्रक्रिया को सफल बनाने की योजना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। निगम के साथ-साथ लोगों को भी हर्जाना भुगतना पड़ सकता है। घरों में गीला व सूखा कचरा अलग न करने वालों पर 200 से 2000 रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान निगम के ठोस कचरा प्रबंधन उपनियमों में है।
योजना लागू करने के लिए निगम ने सैनेटरी इंस्पैक्टरों को दिए हैं निर्देश :
आगामी 11 अक्तूबर से इसे लागू करने के लिए निगम ने सभी सैनेटरी इंस्पैक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे अलग-अलग सह-सफाई केंद्रों (एस.एस.के.) में 11 अक्तूबर के बाद किसी भी गारबेज कलैक्टर द्वारा सूखा-गीला कचरा एक साथ एकत्रित किया गया है तो उसे स्वीकार न करें। नगर आयुक्त के.के. यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यदि आदेशों की अवहेलना होती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
निगम शहर में ठोस कचरा प्रबंधन उपनियमों और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट नियम, 2016 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रयास कर रहा है। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय भी शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर नजर रख रहे हैं। पिछले साल, कचरा संग्रहकर्ताओं द्वारा हड़ताल के बाद चंडीगढ़ में कचरे को पृथक कर एकत्र करने की योजना को धक्का लगा था।
डस्टबिन बांटने में 2.50 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है निगम :
इससे पूर्व निगम ने सगभग 2.50 करोड़ रुपए घरों में हरे व नीले कचरा डस्टबिन बांटने में खर्च कर दिए गए लेकिन कचरा पृथककरण की योजना शुरु नहीं हो पाई। पिछले दिनो नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की चंडीगढ़ के दौरे पर आई टीम को भी गारबेज प्लांट प्रबंधकों ने यही शिकीयत की थी कि निगम गीला व सूखा कचरा अलग-अलग कर प्लांट में निष्पादन के लिए नहीं भेज रहा।
कोई व्यवस्था नहीं की तो निगम को भुगतना पड़ेगा करोड़ों का जुर्माना :
एन.जी.टी. के आदेशानुसार अगर निगम आगामी 11 अक्तूबर से गीला व सूखा कचरा अलग अलग उटाने की व्यवस्था नहीं करता है तो उसे करोडों के जुर्माने का भी सामना करना पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार निगम ने एन.जी.टी. से इस योजना को पूरी तरह से लागू करने के लिए और समय भी मांगा है पर उसका अभी कोई जवाब नहीं मिला है।
जून में लागू होनी थी योजना :
ज्ञात रहे कि पहले निगम ने इस परियोजना को गत जून माह तक लागू करना था पर नहीं कर पाया। इसके बाद इसे गत सितम्बर माह तक पूरे शहर में लागू करना था पर निगम विफल रहा। अब गावों में यह योजना आरम्भ कर निगम ने इसे पूरी तरह से लागू करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है।