अंडों की फ्रीज़िंगः फर्टिलिटी के संरक्षण की विस्तृत मार्गदर्शिका

punjabkesari.in Wednesday, Aug 23, 2023 - 08:01 PM (IST)

फर्टिलिटी का संरक्षण वर्तमान में सुर्खियों में बना हुआ है। अंडों की फ्रीज़िंग महिलाओं की फर्टिलिटी के संरक्षण का एक प्रभावशाली तरीका बन गई है। अगर उन्हें फर्टिलिटी को प्रभावित करने वाली कोई बीमारी है, या वो शिक्षा हासिल कर करियर बनाना चाहती हैं, या फिर उन्हें अभी तक कोई जीवनसाथी नहीं मिल पाया है, तो इन सभी स्थितियों में हड़बड़ाने की जरूरत नहीं, क्योंकि वो अब अपने अंडों को फ्रीज़ कराके अपनी फर्टिलिटी को संरक्षित कर सकती हैं। अंडों की फ्रीज़िंग के बारे में तैयार की गई यह विस्तृत मार्गदर्शिका इस प्रक्रिया, इसके फायदों और अंडों की फ्रीज़िंग से क्या अपेक्षा की जा सकती है, इस बारे में बता रही है। डॉ. राखी गोयल, कंसल्टैंट, बिरला फर्टिलिटी एंड आई. वी. एफ.ने बताया कि अंडों की फ्रीज़िंग एक मेडिकल प्रक्रिया है, जिसे ऊसाईट क्रायोप्रिज़र्वेशन कहा जाता है। इस प्रक्रिया में महिलाओं के अंडों को निकालकर फ्रीज़ कर दिया जाता है, और फिर उन्हें स्टोर करके रख लिया जाता है। इस प्रक्रिया द्वारा महिलाएं अपनी फर्टिलिटी को संरक्षित कर सकती हैं, और जब वो परिवार शुरू करने के लिए खुद को तैयार महसूस करें, तब अपनी सुविधा के अनुरूप गर्भधारण कर सकती हैं।

 

 


फर्टिलिटी के संरक्षण को मेडिकल और सोशल एग फ्रीज़िंग के दो समूहों में बाँटा गया है। मेडिकल फर्टिलिटी संरक्षण कैंसर पीड़ित महिलाओं के लिए है क्योंकि कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी आदि से अंडों की कोशिकाएं नष्ट हो सकती हैं। इसलिए इलाज से पहले महिलाएं अंडों को फ्रीज़ करा सकती हैं। जिन लड़कियों की उम्र 18 साल से कम होती है, उन्हें अपने माता-पिता की अनुमति लेना जरूरी है। इसके विपरीत सोशल एग फ्रीज़िंग 21 से 50 साल तक की महिलाएं ही करा सकती हैं। इस प्रक्रिया में महिलाओं को 10 से 12 दिनों तक हार्मोन के इंजेक्शन दिए जाते हैं, जिनकी शुरुआत उनकी माहवारी के चक्र के दूसरे दिन से होती है। ये इंजेक्शन ओवरीज़ को बहुत सारे अंडों का उत्पादन करने के लिए उत्तेजित करते हैं, जिसके कारण लगभग 10 से 15 अंडे परिपक्व होते हैं, जो गर्भधारण की संभावनाएं बढ़ा देते हैं। फिर इन अंडों को तब तक लिक्विड नाईट्रोजन में स्टोर करके रख लिया जाता है, जब तक महिला गर्भधारण करने के लिए खुद को तैयार महसूस न करने लगे।

 

 

 

 

अंडों की फ्रीज़िंग प्रक्रिया कैसे काम करती है?
अंडों की फ्रीज़िंग प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है। पहले ओवरीज़ को उत्तेजित किया जाता है, और अंडे निकाले जाते हैं, फिर उन्हें क्रायोप्रिज़र्व करके स्टोर कर लिया जाता है। ओवरीज़ को उत्तेजित हार्मोन की दवाईयाँ देकर किया जाता है, ताकि वो कई सारे अंडों का उत्पादन करें। फिर इन अंडों को अल्ट्रासाउंड के मार्गदर्शन में निकाल लिया जाता है, और विट्रिफिकेशन की तकनीक द्वारा उन्हें क्रायोप्रिज़र्व कर दिया जाता है। इस तकनीक में अंडों को बहुत तेजी से फ्रीज़ किया जाता है ताकि उनमें बर्फ का क्रिस्टल न बने। इसके बाद उन्हें तब तक स्टोर करके रखा जाता है, जब तक उनका उपयोग इन विट्रो फर्टिलाईज़ेशन (आई. वी. एफ.) जैसी असिस्टेड रिप्रोडक्टिव तकनीक के लिए नहीं किया जाता।
 

 

 

अंडों की फ्रीजिंग के फायदे
अंडों की फ्रीज़िंग से फर्टिलिटी का संरक्षण होता है। उम्र बढ़ने पर भी फर्टिलिटी सुरक्षित रहती है, प्रजनन के ज्यादा विकल्प मिलते हैं, मन का सुकून मिलता है, और चिंता कम हो जाती है। अंडों की फ्रीज़िंग की मदद से महिलाएं छोटी उम्र में ही अपनी फर्टिलिटी को संरक्षित करा सकती हैं क्योंकि इस उम्र में अंडों की गुणवत्ता बहुत ज्यादा होती है। इससे महिलाओं को प्रजनन के ज्यादा विकल्प और लचीलापन मिलते हैं और भविष्य के लिए उनकी चिंता कम हो जाती है।

 

 

 

 

फर्टिलिटी का संरक्षणः अंडों की फ्रीज़िंग द्वारा महिलाएं छोटी उम्र में अपनी फर्टिलिटी को संरक्षित करा सकती हैं, जब अंडों की गुणवत्ता अच्छी होती है। यह उन महिलाओं के लिए वरदान के समान है, जो अपने व्यक्तिगत, व्यवसायिक या फिर मेडिकल कारणों से लंबे समय तक गर्भधारण करना नहीं चाहती हैं, और अपने करियर, शिक्षा या अपने इलाज पर केंद्रित होना चाहती हैं, या फिर जिन्हें अभी तक कोई जीवनसाथी नहीं मिल पाया है। बढ़ती उम्र के लिए फर्टिलिटी का संरक्षणः महिलाओं की उम्र बढ़ने के साथ उनकी फर्टिलिटी कम हो जाती है, और अंडों की गुणवत्ता व संख्या भी कम होने लगती है। ऐसे में युवावस्था में ही अंडों को फ्रीज़ करा लेने से महिलाएं ज्यादा उम्र में भी गर्भधारण करने की संभावनाएं बढ़ा सकती हैं, फिर चाहे उम्र के कारण उनकी फर्टिलिटी कम ही क्यों न हो गई हो।

 

 

 

प्रजनन के ज्यादा विकल्प
अंडों की फ्रीज़िंग से महिलाओं को प्रजनन के ज्यादा विकल्प और लचीलापन मिलते हैं। वो फ्रीज़ कराए गए अंडों का उपयोग तब कर सकती हैं, जब वो खुद को गर्भधारण करने के लिए तैयार समझें। इससे हड़बड़ी में जीवनसाथी तलाशने और परिवार शुरू करने का दबाव भी उन पर नहीं रहता है।
मन की शांति और कम चिंताः अंडों की फ्रीज़िंग से उन महिलाओं को मन की शांति मिल सकती है और चिंता कम हो सकती है, जो भविष्य में अपनी फर्टिलिटी को लेकर चिंतित होती हैं।


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News Editor

Deepender Thakur

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