पंचकूला में भी कुत्तों का आतंक, अस्पताल में रोजाना आ रहे 8 केस

punjabkesari.in Tuesday, Jun 19, 2018 - 12:40 PM (IST)

पंचकूला(मुकेश) : चंडीगढ़ के सैक्टर-18 में डेढ़ साल के मासूम बच्चे को कुत्तों द्वारा नोच-नोच कर मौत के घाट उतारने के मामले के बावजूद पंचकूला नगर निगम के अधिकारियों की नींद नहीं खुल रही। अहम बात यह सामने आई है कि  वर्ष 2018 में अब तक 190 दिनों में 1346 बच्चों व बड़ों को अपना शिकार बनाया है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोजना डॉग बाइट के करीब 8 केस सैक्टर-6 स्थित सामान्य अस्पताल में पहुंच रहे हैं। 

शहर के अलग- अलग इलाकों से लोग डॉग बाइट केस में ईलाज के लिए सामान्य अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन अस्पताल की एमरजैंसी के बिल्कुल सामने और गेट पर आवारा कुत्तों को देखकर एक बार दो उनका भी दिल दहल जाता है। कुत्तों से बच बचाकर उपचार के लिए अस्पताल तक पहुंच पाते हैं। अस्पताल की पार्किंग में भी कुत्तों को इकट्ठे झुंड बनाकर बैठे हुए देखा जाना आम बात है। 

डॉग पॉन्ड न होने का हवाला दे रहे हैं अधिकारी :
अधिकारी इस बात का हवाला दे रहे हैं कि उनके पास और कोई चारा नहीं है। फिलहाल पंचकूला के पास अपना कोई डॉग पॉन्ड नहीं है। जिसकी वजह से जिस सैक्टर से कुत्ते को पकड़ा जाता है। पेट अस्पताल में स्टरलाइजेशन के बाद उसी सैक्टर में फिर उसे छोड़ दिया जाता है। लेकिन अगर डॉग पॉन्ड बनता है तो शहर को लोगों के लिए एक बड़ी राहत की बात होगी। 

कुत्तों की रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते लोग :
बता दें कि सैक्टरों में रहने वाले लोगों ने अपना शौक पूरा करने के लिए कुत्ते तो पाल रखे हैं। लेकिन उनकी कुत्तों की प्रशासन के पास कोई रजिस्ट्रेशन नहीं करवा रखी। ब्रीडिंग के चक्कर में लोगों ने एक से ज्यादा कुत्तों को भी पाल रखा है। ताकि उनके बच्चों को महेंगे दामों पर बेचा जा सके।
 


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