कुत्तों से रहें सावधान इन महीनों में, काटने पर करें ये सब
punjabkesari.in Saturday, May 28, 2016 - 04:22 PM (IST)

चंडीगढ़ : यदि आपके घर के आसपास कुत्तों का जमावड़ा है तो अगले कुछ महीने उनसे संभलकर रहना होगा। खासकर बच्चों का इनसे बचाने के लिए ख्याल रखना पड़ेगा। ताकि बच्चे इनका शिकार न हों।
चंडीगढ़ एंटी रैबीज क्लीनिक से मिले आंकड़े बताते हैं कि मई, जून और जुलाई में डॉग बाइट के केसों में जबरदस्त बढ़ोतरी हो जाती है। साल 2014 में सेक्टर-19 की डॉग बाइट क्लीनिक में कुल 7700 केस आए। इनमें से 30 फीसदी केस सिर्फ इन तीन महीने में आए थे। तीन महीनों में मई और जून में सबसे अधिक केस आए थे। मई में 884, जून में 808 और जुलाई में 721 केस आए थे।
ऐसा ही कुछ आंकड़ा 2015 का भी है। इस साल कुल 6734 डॉग बाइट के केस आए। इनमें 26 फीसदी केस मई, जून और जुलाई के थे। मई महीने में 615, जून में 617 और जुलाई में 573 केस आए। बीते साल भी मई और जून में केस अधिक थे। इनमें बच्चों के केस ज्यादा देखने को मिले हैं।
इन महीनों में डॉग बाइट के केस ज्यादा होने के कारण
डॉग एक्सपर्ट बताते हैं कि गर्मियों में डॉग बाइट के केसों के बढ़ने के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण तो नहीं है, लेकिन पारा और उमस बढ़ने से जानवर भी चिड़चिड़े हो जाते हैं। इन सीजन में आमतौर पर बच्चों की छुट्टियां होती हैं और उनकी आउटडोर एक्टिविटीज भी ज्यादा होती है। जब कोई जानवर चिड़चिड़ा बैठा हो और उसके सामने कोई भी व्यक्ति या बच्चा कुछ भी एक्टिविटीज करते हैं तो उस पर कुत्ते या अन्य जानवर जरूर झपट्टा मारेंगे। इन दिनों बच्चों के काटने के केस ज्यादा आते हैं। दूसरी तरफ मई, जून और जुलाई में दिन भी बड़े होते हैं। ऐसे में लोग ज्यादा समय तक घर से बाहर रहते हैं। ये भी केस बढ़ने के कारण हो सकते हैं।
कुत्ते के काटने पर क्या करें
1. कुत्ते के काटने पर जब घाव हो जाए तो उसे 15 मिनट तक पानी की धार से धोएं
2. घाव को कास्टिक सोडा वाले साबुन से भी धोएं। बीटा डीन व डिटॉल से भी धो सकते हैं
3. रैबीज का वायरस लार छोड़ता है, ऐसे में धोने से 80 प्रतिशत तक रैबीज से बचाव हो जाता है
4. घाव पर न तो कोई पट्टी बांधे और न ही कपड़ा। घाव को खुला ही छोड़ देना चाहिए।
5. तुरंत एक्सपर्ट डॉक्टर के पास जाएं और 24 घंटे के भीतर पहली एंटी रैबीज की डोज लगवा लें।
6. फिर तीसरे, सातवें, 14वें और 28वें दिन एंटी रैबीज का डोज लगवाना होगा।
7. जादू, टोना और घरेलू उपचार के चक्कर में न पड़ें। इससे नुकसान मरीज को होगा
इन मौसमों में बच्चों को बचाकर रखना होगा। यदि कुत्ते कमर के ऊपर काटते हैं तो वह ज्यादा खतरनाक हो सकता है। गर्मियों में रैबीज के केस बढ़ते हैं, क्योंकि वायरस जल्दी एक्टिवेट होता है। अपने कुत्ते को एंटी रैबीज वैक्सीन भी लगाएं, ताकि बचाव रहे। नसबंदी प्रोग्राम यदि निगरानी में चलाए जाएं तो इसके परिणाम अच्छे आ सकते हैं।
डॉ. एमआर सिंगला, डॉग एक्सपर्ट/पेट मेडिकल सेंटर