डॉक्टरों की हड़ताल, हजारों मरीज बेहाल

Tuesday, Jun 18, 2019 - 10:40 AM (IST)

चंडीगढ़(रवि पाल): रोजाना 10 से 11 हजार मरीजों को इलाज देने वाली पी.जी.आई. ओ.पी.डी. में सोमवार को महज 3596 मरीजों का रजिस्ट्रेशन ही हो पाया। डॉक्टर्स की स्ट्राइक का खामियाजा मरीजों को झेलना पड़ा। कई मरीज ऐसे थे, जिन्होंने सुबह कार्ड तो बनाए लेकिन जब इलाज की बारी तो डाक्टर वक्त से पहले ही ओ.पी.डी. बंद कर चले गए। स्ट्राइक को देखते हुए पी.जी.आई. डायरैक्टर ने एक दिन पहले ही फैकल्टी को खासतौर से तैनात किया था।

 इसके बावजूद कई फैकल्टी मैंबर वक्त से पहले ही निकल गए। ऐसे में दूर दराज से आए मरीजों को बेइलाज लौटना पड़ा। एमरजैंसी सर्विस की बात करें तो वह रूटीन की तरह चली। स्पैशल एमरजैंसी ओ.पी.डी. में 222 मरीज रजिस्टर किए गए, जहां आमतौर पर 400 तक मरीजों का आंकड़ा रहता है। वैकेशन होने की वजह से रोजाना 99 सर्जरी की जा रही हैं लेकिन स्ट्राइक की वजह से 23 सर्जरी ही हो पाई।

फैकल्टी ने भी दिया साथ 
पी.जी.आई. ए.आर.डी. (एसोसिएशन ऑफ डाक्टर्स) का साथ पी.जी.आई. की फैकल्टी ने भी दिया। सुबह 9 से 9.30 बजे तक  कैरों ब्लॉक के सामने सभी रैजीडैंट्स के साथ फैकल्टी मैंबर्स भी एकत्रित हुए। फैकल्टी एसोसिएशन के प्रैजीडैंट डा. राजेश ठाकुर ने बताया कि वह प्रोटैस्ट में तो शामिल नहीं है लेकिन ब्लैक बैच पहन कर वह उनका साथ दे रहे हैं। 

खाली पड़ी रही स्ट्रैचर और व्हीलचेयर 
मरीजों का रश ओ.पी.डी. में इस कदर रहता है कि सभी को खाली स्ट्रैचर व व्हील चेयर तक नहीं मिल पाती। पी.जी.आई. में ऐसे पहली बार हुआ कि स्ट्राइक की वजह से स्ट्रैचर व व्हील चेयर खाली पड़ी रही हों। ओ.पी.डी. की बात करे तो गायनी ओ.पी.डी. तो बिल्कुल न के बराबर रही। 

वक्त से पहले बंद हुई ओ.पी.डी. 
मरीजों के लिए फैकल्टी को तैनात किया गया। वह वक्त से पहले ही कमरों को ताला लगाकर चलते बने। वहीं, मरीज अपने अपने विभाग के डाक्टरों को यहां-वहां ढूंढते रहे। कुछ ओ.पी.डी. जैसे डा. धीमान की हैपेटोलॉजी ओ.पी.डी. और डा. गुरप्रीत की ओ.पी.डी. में देर तक मरीजों का इलाज किया जाता रहा।  

जी.एम.एस.एच. में डी.एन.बी. स्टूडैंट्स ने बंद करवाई ओ.पी.डी. 
रविवार को जी.एम.सी.एच. प्रबंधन ने कहा था कि उनके यहां ओ.पी.डी. समेत सभी सर्विस जारी रहेंगी लेकिन सुबह डी.एन.बी. स्टूडैंट्स ने ओ.पी.डी. पहुंच कर ओ.पी.डी. बंद करने की बात कही। आधे घंटे तक की जी.एम.एस.-16 की ओ.पी.डी. चली। एम.एस. डा. वी.एस. नागपाल ने बताया कि आमतौर पर अस्पताल में 3 हजार तक मरीजों की ओ.पी.डी. रहती है लेकिन स्ट्राइक के कारण महज 150 मरीजों का ही रजिस्ट्रेशन हो पाया। इन सभी को ट्रीटमैंट दिया गया। जहां तक ओ.टी. का सवाल है तो उसमें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आई। हमारे यहां रूटीन में 20 से 25 सर्जरी होती हैं। यहीं नंबर आज भी रहा। वार्ड के साथ एमरजैंसी में आए सभी मरीजों को इलाज दिया गया है। 

रात को हड़ताल वापसी की घोषणा, आज से पहले की तरह होगा काम
सोमवार सुबह 6 बजे से शुरू हुई स्ट्राइक रात को 9.40 बजे कॉल ऑफ कर दी गई। ए.आर.डी. प्रेसीडैंट डा. उत्तम ठाकुर ने बताया कि कोलकाता में सी.एम. ममता बैनर्जी ने उनके फैलो डाक्टर्स की सभी डिमांड मान ली हैं, जिसे देखते हुए पी.जी.आई. डाक्टर्स ने भी स्ट्राइक बंद करने के फैसला लिया है। मंगलवार से पी.जी.आई. में सभी ओ.पी.डी. व दूसरी सर्विसेस पहले की तरह काम करेगी। 

जी.एम.सी.एच-32 में पहुंचे 1200 मरीज 
जी.एम.सी.एच. डायरैक्टर-डा. बी.एस. चवन ने बताया कि रूटीन ओ.पी.डी. तो नहीं लेकिन स्पैशल ओ.पी.डी. में मरीजों को देखा गया। अस्पताल में एक दिन में 3 हजार तक के मरीजों को नंबर रहता है। सोमवार को 1450 मरीज रजिस्टर किए गए। इनमें से 1200 पुराने मरीज थे जबकि 250 नए थे। एमरजैंसी सर्विस को अनदेखा नहीं किया गया। सभी प्लांड व एमरजैंसी सर्जरी की गई हैं। जहां तक एमरजैंसी में मरीजों का ग्राफ है तो वहां 200 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। 

bhavita joshi

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