शरीर में लगी गोली निकालने में डॉक्टर्स रहे नाकाम, घर आकर चली गई जान

Thursday, Jun 08, 2017 - 12:50 PM (IST)

चंडीगढ़ : गोली लगने के बाद युवक को हॉस्पिटल इस आस में ले जाया गया कि शायद जान बच जाए। लेकिन गोली ढूंढने में नाकाम रहे डॉक्टरों ने मरीज़ की पट्टी करके उसे घर भेज दिया। । डॉक्टर करीब चार घंटे तक पेशेंट का इलाज करते रहे और वह यह ही नहीं पता कर पाए कि आखिर शरीर में गोली कहां पर है।  शरीर में गोली ढूंढने की बजाए, सब ठीक है कह कर जीएमएसएच-16 के डॉक्टरों ने मरीज़ को डिस्चार्ज कर दिया। गोली पेशेंट के शरीर में ही मौजूद थी, जिसकी वजह से रात को उसकी दोबारा तबीयत खराब हुई और पेशेंट की मौत हो गई। वहीं नजीम के शव से पोस्टमार्टम के बाद एक गोली निकल गई है।

 

मामला चंडीगढ़ के ही सेक्टर 22 का है। जहां सोमवार तड़के मोहम्मद नजीम को सिगरेट नहीं देने पर बाइक सवार ने गोली मार दी थी। वारदात के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था। नजीम जानता था कि उसे गोली लगी है। गोली लगने के बाद उसके साथी उसे जीएमएसएच-16 ले गए। यहां पर वह न जाने किस दबाव में डॉक्टरों को झूठ बोला कि उसे चाकू लगा है जो कि काम करते समय खुद ही लग गया। मामला सीधा नोन एमएलसी बन गया। इतने में पुलिस कंट्रोल रूम पर कॉल की जा चुकी थी कि बाइक सवारों ने एक युवक को गोली मार दी है। पुलिस मौके पर पहुंची और डॉक्टर को बताया कि पेशेंट को गोली लगी है। उसका कई बार एक्सरे करवाया गया लेकिन गोली का पता नहीं लग पाया, जिसके बाद मरीज को घर भेज दिया गया। रात को तबीयत खराब हुई और दोबारा अस्पताल लाया गया जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

 

कूल्हे की हड्डी में थी गोली पोस्टमार्टम में मिली : 
पुलिस को डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी गई। पोस्टमार्टम के बाद गोली निकल गई है। गोली छाती में लगी थी और सीधा जाकर कूल्हे की हड्डी में फंसी हुई थी। 

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