रिसर्च में चोरी की तो जाएगी डॉक्टर की नौकरी

punjabkesari.in Saturday, Nov 17, 2018 - 08:08 AM (IST)

चंडीगढ़(पाल) : रिसर्च में चोरी रोकने के लिए पी.जी.आई. ने नियम कड़े कर दिए हैं। अब रिसर्च में किसी भी तरह की गड़बड़ी मिलने पर आरोपी डाक्टर को संस्थान से निकालने का फरमान भी जारी हो सकता है। शुक्रवार को दिल्ली में हुई पी.जी.आई. गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में नए नियमों को मंजूरी दी गई है। हैल्थ मिनिस्टर जे.पी. नड्डा की अध्यक्षता में यह मीटिंग हुई। 

पिछले साल पी.जी.आई. के दो डिपार्टमैंट के एच.ओ.डी. और दो डॉक्टरों की रिसर्च में प्लेजरिज्म (चोरी)के आरोप सामने आए थे। इसके बाद एथिक्स कमेटी के पास केस को भेजा गया था। कमेटी ने पी.जी.आई. प्रशासन को कुछ सुझाव दिए थे। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ऐसे विवादों से संस्थान की छवि खराब होती है।

अब अकैडमिक पैनल्टी लगेगी : नियमों के मुताबिक अगर गड़बड़ी थोड़ी पाई जाती है तो आरोपी डॉक्टर पर एक साल तक की पाबंदी लगाई जाएगी। इसके साथ ही फैकल्टी को थीसिस के लिए किसी तरह की रैंजीडैंट की मदद नहीं दी जाएगी। वहीं अगर जांच में प्लेजरिज्म ज्यादा पाया जाता है तो इसकी अवधि दो साल तक की जा सकती है। अगर प्लेजरिज्म बहुत ज्यादा है तो आरोपी डाक्टर पर कंडक्ट रुल लगाया जाएगा, जिसमें आरोपी का इंक्रीमंट रोका जाएगा। आरोपी डाक्टर को संस्थान से निकाला भी जा सकता है।

12 फैकल्टी पोस्ट और जिरयाट्रिक सैंटर को मंजूरी
मीटिंग में पी.जी.आई. को 12 फैकल्टी को पोस्ट को भरने की मंजूरी भी मिल गई है। इसके साथ ही पी.जी.आई. में बनने वाले जिरयाट्रिक सैंटर को मंजूरी तो मिल गई है, लेकिन इसके बजट को रिव्यू कर दोबारा पेश करने की बात कही है। इसके साथ ही पी.जी.आई. माक्रोबॉयोलॉजी के डाक्टर पर कुछ महीनों पहले फीमेल स्टाफ ने सैक्सुअल हरासमैंट का आरोप लगाया था। जिसे लेकर मीटिंग में भी चर्चा की गई है हालांकि अभी तक मामले में किसी भी तरह की कोई सच्चाई सामने नहीं आई है लेकिन तय किया गया है कि अगर किसी जांच के बाद मामले पर उचित कार्रवाई की जाए। 
 


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bhavita joshi

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