पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के हरियाणा के प्रयासों की केंद्र ने की सराहना

punjabkesari.in Thursday, Aug 03, 2023 - 08:38 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा सरकार द्वारा पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए किए गए विभिन्न प्रयासों की केंद्र सरकार ने सराहना की। किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करने के साथ-साथ विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने के फलस्वरूप हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में लगभग 48 प्रतिशत तक कमी आई है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र तोमर ने वीडियो कांफ्रैंसिंग से फसल अवशेष प्रबंधन के संबंध में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्यों के कृषि तथा पर्यावरण मंत्रियों के साथ बैठक करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए जो प्रयास किए गए हैं, उनके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति तथा जैव विविधता को नुक्सान न पहुंचे, यह सरकारों की जिम्मेदारी है, इसलिए राज्य सरकारों द्वारा पराली के जीरो-बर्निंग लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। तोमर ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत राज्य सरकारों को 3138 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं और राज्य सरकारों द्वारा 2675 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 2,42,000 से अधिक मशीनें व उपकरण खरीदे गए हैं। उन्होंने कहा कि पराली का किस प्रकार सदुपयोग कर सकते हैं, इस दिशा में भी राज्य सरकारों को कदम बढ़ाने चाहिए। 
 

 

 

हरियाणा में 48 प्रतिशत, पंजाब में 30 प्रतिशत तक कमी आई : भूपेंद्र यादव
बैठक में वर्चुअल माध्यम से जुड़े केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि पिछले 2 सालों में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के सहयोग से पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में लगभग 48 प्रतिशत तथा पंजाब में 30 प्रतिशत तक कमी आई है। उन्होंने हरियाणा सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को धान न उगाने के लिए 7 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दे रही है। यह बहुत अच्छा प्रयोग है और किसानों ने धान को छोड़कर अन्य फसलों की खेती की है। 
 

 

 

राजस्थान में गौशालाओं और गुजरात में पैकेजिंग के लिए पराली के उपयोग की अधिक संभावनाएं : दलाल
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि राज्य सरकार के विभिन्न प्रयासों से पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं को शून्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दलाल ने केंद्रीय कृषि मंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि राजस्थान में गौशालाओं तथा गुजरात में पैकेजिंग के लिए पराली के उपयोग की कई संभावनाएं हैं। इसके लिए केंद्र सरकार माल ढुलाई इत्यादि के लिए कोई विशेष पैकेज का प्रावधान कर राज्य सरकार का सहयोग करें, इससे पराली के व्यावसायिक उपयोग के कई विकल्प खुलेंगे। 
 

 

 

हरियाणा सरकार 5 लाख एकड़ में डी-कम्पोजर का करेगी छिड़काव
दलाल ने कहा कि राज्य सरकार के विभिन्न प्रयासों से पराली जलाने की घटनाओं में उल्लखेनीय कमी आई है। पिछले वर्ष प्रदेश में 3661 ऐसी घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं और इस बार सरकार का लक्ष्य ऐसी घटनाओं को कम करते हुऐ जीरो-बर्निंग तक लेकर जाने का है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए पिछले वर्ष 2.5 लाख एकड़ में डी-कम्पोजर स्प्रे किया गया था और इस वर्ष राज्य सरकार ने 5 लाख एकड़ में डी-कम्पोजर का छिड़काव करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। दलाल ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत इन-सीटू मैनेजमेंट के लिए वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 तक किसानों को 80 हजार मशीनें वितरित की गई हैं। इस वर्ष भी 2 अगस्त, 2023 तक लगभग 21 हजार से अधिक किसानों ने मशीनों के लिए आवेदन किया है। कस्टम हायरिंग सैंटर की ओर से भी मशीनों की मांग आई है। इन मशीनों की लागत लगभग 328 करोड़ रुपए बनती है। उन्होंने कहा कि एक्स-सीटू मैनेजमेंट के तहत भी 2जी एथनोल प्लांट में पराली का उपयोग किया जा रहा है। 
 

 

 

सरकार ने उठाए सख्त कदम
जे.पी. दलाल ने कहा कि किसान पराली न जलाएं, इसके लिए सरकार ने सख़्त कदम भी उठाए हैं। पराली जलाने वाले 2641 किसानों पर 61.90 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया और कुछ एफ.आई.आर. भी दर्ज की गई। परिणामस्वरूप पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। वर्ष 2016-17 में पराली जलाने की लगभग 15,686 घटनाएं हुई थी। 2021-22 में 6987 घटनाएं हुई। पिछले साल पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई और मात्र 3661 घटनाएं रिपोर्ट की गई, जबकि पड़ोसी राज्य में लगभग 49 हजार पराली जलाने की घटनाएं हुई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जीरो बॄनग के लिए विशेष प्रोत्साहन देने के लिए भी योजना बनाई है। इसके अंतर्गत, रेड जोन में जो पंचायत अपने क्षेत्र में पराली जलाने की एक भी घटना नहीं होने देती, उस पंचायत को 1 लाख रुपए प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाते हैं। इसी तरह, येलो जोन में 50 हजार रुपए की राशि दी जाती है। 


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Sub Editor

Ajay Chandigarh

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