आखिरकार सारंगपुर डिस्पैंसरी को मिल ही गए डाक्टर्स और टैक्नीशियन

Tuesday, Oct 04, 2016 - 01:50 PM (IST)

चंडीगढ़(रवि) : सारंगपुर गांव में 30 लाख रुपए की लागत से अपग्रेड की गई डिस्पैंसरी में सोमवार को आखिरकार डाक्टर्स और टैक्नीशियन नियुक्त कर दिए गए। पिछले महीने अपग्रेड की गई इस डिस्पैंसरी में डाक्टर और टैक्नीशियन न होने की वजह से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। 2 अक्तूबर के अंक में पंजाब केसरी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद सोमवार को यहां डाक्टर्स और टैक्नीशियन की नियुक्ति की गई। 


परेशान थे मरीज :
मरीजों ने बताया कि यहां डिस्पैंसरी तो बना दी गई लेकिन डाक्टर्स यहां कभी-कभार ही आते हैं। ऐसे में उन्हें इस डिस्पैंसरी का कोई फायदा नहीं हो रहा है। इस डिस्पैंसरी में उद्घाटन के वक्त ही पुरानी मशीनें लगाए जाने के कारण काफी विवाद हुआ था। यहां डाक्टर्स मिलते थे और न ही एक्सरे की कोई सुविधा। हालांकि एक्सरे लिए मशीन तो यहां लगा दी गई है लेकिन जब डॉक्टर नहीं होंगे तो मरीजों को कौन देखेगा और एक्स रे की रिकमेंडेशन कौन देगा। डिस्पैंसरी में 19 स्टाफ मैंबर्स की लिस्ट लगाई गई है, जिनमें आयुष व आयुर्वेदिक डाक्टर समेत सात डॉक्टर्स हैं और जिनमें से ज्यादातर डयूटी से नदारद रहते हैं।

डाक्टर्स व अन्य स्टाफ का ड्यूटी रोस्टर नोटिस बोर्ड पर नहीं लगाई जाती। डॉक्टर्स के अलावा बाकी 12 लोगों के स्टाफ में से छुट्टी पर जाने वाले कर्मचारी को छोड़ दें तो वहां 6-7 कर्मचारी ही मौजूद रहते हैं। दूसरे कर्मियों से पता लगा कि मरीजों को देखने व टैस्टों की टाइमिंग सुबह 8 से 2 बजे तक है लेकिन करीब एक बजे ही डाक्टर वहां से चले जाते हैं। गांव की जनसंख्या करीब 4700 है और हर रोज डिस्पैंसरी में जांच व टैस्ट के लिए 150 मरीज आते हैं लेकिन डॉक्टर्स न होने के चलते उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। 

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