दूषित पानी सप्लाई से लोग परेशान, मेयर ने इलाके में उपलब्ध करवाई मिनरल पानी की बोतलें

punjabkesari.in Sunday, Jan 22, 2017 - 09:59 AM (IST)

चंडीगढ़(राय) : चंडीगढ़ के सैक्टर-18 में दूषित पानी की आपूर्ति से लोगों के बीमार होने की घटनाओं के बाद अब शहर के कई अन्य हिस्सों से भी इसी तरह की शिकायतें मिलने लगी हैं। आज रामदरबार फेज-2 के लोगों ने बताया कि उनके यहां नल से पानी तो साफ आता है पर उसमें बदबू आती है। इन लोगों ने बताया कि पानी में सीवरेज जैसी बदबू आ रही है, जिससे लगता है कि पाइपों में सीवर का पानी मिल रहा है। 

 

पानी से आ रही बदबू :
इसी बीच आज मेयर आशा कुमारी जयसवाल ने पुन: सैक्टर-18 में लोगों का हाल जाना। दूषित पानी पीने से लोगों के बीमार होने के चलते मेयर ने पिछले कल भी अपने वार्ड में आते इस सैक्टर का दौरा किया था। मेयर आज भी निगम अधिकारियों के दल के साथ इलाके में गई। उन्होंने बताया कि पानी के दूषित होने के कारणों का अधिकारियों ने कल ही पता कर लिया था व जहां से पाइप लीक हो रही थी वहां मरम्मत कर दी गई है। 

 

उन्होंने बताया कि पीने के पानी की पाइपों में रिसाव के कारण पानी दूषित हुआ है जिस कारण लोग भी बीमार हुए। उन्होंने लोगों का आश्वासन दिया कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। 

 

राम दरबार में फिर से डायरिया के केस सामने आ रहे हैं। चंडीगढ़ के रामदरबार फेज-1 में लोग दूषित पानी पीने के कारण उल्टी-दस्त और बुखार का शिकार भी हो रहे हैं। स्थानीय निवासी सत्यजीत ने बताया बीते 15 दिनों से उनके जो पानी की सप्लाई हो रही है, उसमें से बदबू आ रही है। 


निगम के टैंकरों से स्वच्छ पानी पहुंचाया जाए : मेयर
आशा जयसवाल ने बताया कि पीने के पानी के सैंपल अब घरों से लिए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले कल मेयर ने निगम अधिकारियों को मिनरल वाटर देने के निर्देश दिए थे। आज उन्हें लोगों ने बताया कि उन तक यह पानी पहुंचा ही नहीं। मेयर के सख्त रवैये के बाद अधिकारियों ने इलाके में मिनरल पानी की बोतलें उपलब्ध करवाईं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जब तक यहां के पानी की सही रिपोर्ट नहीं आती, तब तक निगम के टैंकरों से लोगों को स्वच्छ पानी पहुंचाया जाए। 

 

ज्ञात रहे कि गत वर्ष भी लोगों की शिकायतों के बाद निगम ने मनीमाजरा, विकासनगर और राम दरबार इलाके के पानी की जांच करवाई थी। वह दूषित पाया गया था। कुछ बस्तियों में डायरिया, टायफाइड और कालरा के मामले सामने आने के बाद पी.जी.आई. की ओर से नगर निगम को एक रिपोर्ट दी गई थी जिसमें कहा गया था कि मनीमाजरा, सैक्टर-25 और मौलीजागरां व रामदरबार का पानी पीने लायक नहीं है। इसके बावजूद भी निगम दूषित पानी की समस्या दूर नहीं कर सका है। 

 

सैक्टर-18 के सैंपलों में खतरनाक पदार्थ :
निगम के संबंधित अधिकारी ने बताया कि सैक्टर-18 से पानी के जिन सैंपलों को टैस्ट करवाया गया था, उनमें फोरम पार्टिकलस मिले हैं जो कि मानव जीवन के लिए हानिकारक हैं। उन्होंने बताया कि पाइपों के जगह-जगह से रिसाव होने के कारण पानी दूषित हो रहा है। उनका कहना था कि आज दिन भर विभाग के लगभग 50 लोगों ने इस इलाके की पाइपों की मुरम्मत की व अब घरों से पानी के सैंपल लिए गए हैं व उन्हें जांच के लिए भेजा गया है। उनका कहना था कि शहर में जहां जहां से भी दूषित पानी की शिकायतें मिल रही हैं, वहां-वहां से पानी के सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे जा रहे हैं।


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