अनरैगुलेटिड डिवैल्पमैंट एक्ट के चलते रुका हुआ है रायपुररानी का विकास

punjabkesari.in Friday, Jun 07, 2019 - 11:13 AM (IST)

चंडीगढ़(रमेश हांडा): हरियाणा ग्राम योजना विभाग के पंजाब स्किडयूल्ड रोड्स एवं कंट्रोल्ड एरिया रिस्ट्रिक्शन ऑफ अनरैगुलेटिड डिवैल्पमैंट एक्ट 1963 की धारा 4(1) के अंतर्गत 4 अक्तूबर 2006 को तत्कालीन हरियाणा सरकार ने रायपुररानी क्षेत्र में कंट्रोल्ड एरिया की अधिसूचना जारी की थी। इसके विरोध में अनेक बार एडवोकेट विजय बंसल ने सरकार को अवगत करवाया व तत्कालीन-वर्तमान मुख्यमंत्री तथा वित्तायुक्त व प्रधान सचिव हरियाणा नगर ग्राम योजनाकर विभाग को ज्ञापन भेज कर मांग की थी परंतु 12 वर्ष में कोई कार्रवाई न होने के बाद जिला पंचकूला के रायपुररानी क्षेत्र में कंट्रोल्ड एरिया एक्ट की अधिसूचना को रद्द करवाने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। 

इस संबंध में डी.टी.पी. ने 1 दिसम्बर 2018 को शपथ पत्र देकर मास्टर प्लान जारी करने के लिए 2 माह का समय मांगा था परंतु 29 अप्रैल 2019 को न्यायालय के समक्ष विभाग रायपुररानी कंट्रोल्ड एरिया एक्ट के संबंध में योजना को प्रस्तुत नहीं कर पाया। इस पर कार्रवाई करते हुए न्यायालय ने विभाग के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया लेकिन सरकार को हाईकोर्ट के आदेश की भी परवाह नहीं है। यही वजह है कि आज तक सरकार ने उक्त अधिसूचना को रद्द नहीं किया है। 

 सरकार ने नहीं की कोई कार्रवाई 
न्यायालय ने हरियाणा सरकार को 12 सितम्बर 2018 को आदेश दिए थे कि यदि 3 माह में सरकार ने मास्टर प्लान को जारी नहीं किया यानी 1 दिसम्बर 2018 तक तो याचिकाकर्त्ता पुन: कोर्ट में केस खुलवाकर नोटीफिकेशन को रद्द करने के लिए प्रार्थना पत्र दे सकते हैं। इसके साथ ही डी.टी.पी. पंचकूला ने शपथ पत्र देकर डिवैल्पमैंट प्लान बनाने के लिए 3 माह का समय मांगा था परंतु 3 माह बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।

 इसके बाद कोई योजना न बनाए जाने पर दिसम्बर में ही विभाग ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर करके 2 माह का और समय यानी 28 फरवरी 2019 तक मांगा था। तब भी रायपुररानी क्षेत्र में कंट्रोल्ड एरिया एक्ट को समाप्त करने के लिए न तो कोई कार्रवाई की गई और न ही कोई योजना बनाई गई।

12 वर्ष बाद भी सरकार ने नहीं बनाई योजना 
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने  20 जुलाई 2018 को भी हरियाणा सरकार से कहा था कि एक्ट की धारा 5 के नियमानुसार एक वर्ष के अंतर्गत सरकार को विकास योजना बनानी होती है, जबकि 12 वर्ष बीतने के बाद भी सरकार ने कोई योजना नहीं बनाई। इसमें लिखित जवाब देते हुए सरकार ने कोर्ट में कहा था कि ड्राफ्ट विकास योजना-2031 ए डी रायपुररानी के प्रस्ताव हेतु फील्ड द्वारा निदेशालय को 24 जनवरी 2018 को प्रस्ताव भेजा गया था, जोकि विचाराधीन है, जबकि न्यायालय ने सरकार के लिखित जवाब पर अध्ययन करते हुए कहा कि 6 माह बाद भी योजना विचाराधीन है। 

साथ ही न्यायालय ने जनहित याचिका पर कार्रवाई करते हुए सरकार से कहा था कि याचिका के तथ्यों व हालात को मद्देनजर रखते हुए न्यायालय यह उचित समझता है कि यदि सरकार की कोई रुचि नहीं है तो सरकार इस कंट्रोल्ड एरिया एक्ट की अधिसूचना को वापस ले, क्योंकि इस अधिसूचना के लागू रहने व विकास योजना की स्वीकृति न होने से स्थानीय निवासियों को गंभीर असुविधाजनक हालात से गुजरना पड़ रहा है।


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bhavita joshi

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