अतिक्रमण विरोधी दस्ता लौटा उल्टे पांव, ग्रामीणों ने गांव में घुसने से रोका

Monday, Dec 04, 2017 - 09:48 PM (IST)

चंडीगढ़, (ब्यूरो): गांव कैंबवाला में अवैध निर्माणों को तोडऩे के लिए सोमवार को पहुंची एस्टेट ऑफिस की टीम को ग्रामीणों ने गांव में घुसने ही नहीं दिया। लोगों के भारी विरोध को देखते हुए अतिक्रमण विरोधी दस्ता गांव के बाहर बने कुछेक फार्म हाऊसों की दीवारें तोड़कर ही वापस लौट गया।

बता दें कि गांव कैंबवाला में करीब 172 मकान सुखना कैचमैंट एरिया के दायरे में आ रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में प्रशासन ने पिछले दिनों इन मकानों के निर्माण को अवैध मानते हुए इन्हें तोडऩे का फैसला किया था। गांव में मौखिक रूप से इस संबंध में मुनादी भी करवा दी गई थी।

 तब से यहां रह रहे लोग अपने मकानों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे थे। चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन ने जहां प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर से बातचीत कर इन मकानों को बचाने का कोई रास्ता निकालने की अपील की, वहीं पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल ने भी लाल डोरा के बाहर बने मकानों को तोडऩे का विरोध किया।

इस बीच, सोमवार को सुबह करीब दस बजे एस्टेट ऑफिस का अतिक्रमण विरोधी दस्ता एस.डी.एम. ईस्ट और तहसीलदार के नेतृत्व में गांव कैंबवाला में अवैध निर्माणों को तोडऩे के लिए पहुंच गया।

इसकी सूचना पाकर गांव के पंच-सरपंच और अन्य तमाम ग्रामीण भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं चंडीगढ़ मार्कीट कमेटी के निदेशक रामवीर भट्टी के नेतृत्व में गांव कैंबवाला के संपर्क मार्ग को जोडऩे वाले पुल पर पहुंच गए और यहां धरना देकर बैठ गए। सभी ने सड़क पर लेटकर अतिक्रमण विरोधी दस्ते को आगे नहीं बढऩे दिया। हालांकि एस्टेट ऑफिस के अतिक्रमण विरोधी दस्ते के साथ भारी पुलिस बल भी मौजूद था लेकिन ग्रामीणों के गुस्से और भारी विरोध को देखते हुए अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने भी गांव में घुसने का प्रयास नहीं किया।

यह विरोध प्रदर्शन दोपहर करीब एक बजे तक चला। इसके बाद अतिक्रमण विरोधी दस्ता उल्टे पांव वापस लौट गया और गांव के बाहर बने कुछेक फार्म हाऊसों की चारदीवारी को तोड़कर कार्रवाई की औपचारिकता पूरी कर दी।

 

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