दिल्ली उच्च न्यायालय ने कॉपीराइट उल्लंघनकर्ता को लेकर पीपीएल इंडिया के पक्ष में फैसला दिया

punjabkesari.in Monday, Aug 28, 2023 - 06:42 PM (IST)

यह आदेश आम जनता को एक जरूरी राहत प्रदान करता है जो कि दुर्भाग्य से निहित स्वार्थों द्वारा प्रचारित कानून की भ्रामक व्याख्याओं का शिकार हो सकते हैं और अनजाने में कॉपीराइट का उल्लंघन कर सकते हैं, जो कि एक तरह से सिविल एवं क्रिमिनल दोनों ही तरीकों से एक अपराध है। पीपीएल इंडिया,जो कि साउंड रिकॉर्डिंग के लिए एक ऑन-ग्राउंड परफॉरमेंस अधिकारों की वैध मालिक है, ने दिल्ली की इवेंट मैनेजमेन्ट कंपनी कैनवास कम्युनिकेशन के खिलाफ़ दर्ज किए गए एक मामले में, इन्होने पीपीएल इंडिया से वैद्य लाइसेंस प्राप्त करने से बचने का प्रयास किया, जो कि सिनेफिल प्रोड्युसर्स परफोर्मेन्स लिमिटेड (मात्र सिनेमेटोग्राफ के लिए पंजीकृत कॉपीराईट सोसाइटी) और चण्डीगढ़ में स्थित निजी संस्था डीजे लाईट एण्ड साउण्ड का एसोसिएशन है।

कानूनी तर्क देते एवं विरोध करते हुए कैनवास कम्युनिकेशन ने पीपीएल इंडिया ने बताया था कि यह एक पंजीकृत कॉपीराईट सोसाइटी नहीं है जिसके वजह से इसके पास साउण्ड रिकॉर्डिंग्स के सार्वजनिक प्रदर्शन हेतु लाइसेंस देने का अधिकार नहीं है। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 दिसम्बर 2021 को जारी आदेश के माध्यम से स्पष्ट रूप से पुष्टि की थी कि पीपीएल इंडिया के पास साउण्ड रिकॉर्डिंग्स के लिए लाइसेंस जारी करने का अधिकार है और यह कॉपीराईट अधिनियम की धारा 33 के तहत किसी भी तरह के प्रतिबंध से मुक्त है। साथ ही लाइसेंस के बिना पीपीएल इंडिया की साउण्ड रिकॉर्डिंग्स का उपयोग करने से केनवास कम्युनिकेशन पर रोक लगा दी थी। माननीय अदालत ने इस बात की पुष्टि की है कि ‘‘साउण्ड रिकॉर्डिंग में स्वतन्त्रत कॉपीराईट है, जो सिनेमेटाग्राफिक कार्य एवं अन्य कार्यों में कॉपीराईट से अलग हे, जिसमें साउण्ड रिकॉर्डिंगा को शामिल किया जा सकता है।’’

अदालत के इस स्पष्ट फैसले बावजूद कैनवास कम्युनिकेशन ने अपनी अवज्ञा जारी रखी और 26 जुलाई 2023 को एक ईमेल भेजते हुए, एक बार फिर से सिनेफिल तथा डीजे लाईट एण्ड साउण्ड एसोसिएशन द्वारा जारी की गई गुमराह करने वाली अडवाइज़री पर भरोसा करते हुए पीपीएल इंडिया द्वारा लाइसेंस जारी करने के अधिकार पर सवाल उठाए। केनवास कम्युकिनेशन ने भ्रामक तर्क देने का प्रयास किया है कि सिनेफिल का लाइसेंस, हालांकि सिर्फ सिनेमेटाग्राफी फिल्मों के लिए है, यह कॉपीराईट अधिनियम के तहत सिनेमेटोग्राफ फिल्म की परिभाषा के अनुसार पीपीएल इंडिया द्वारा नियन्त्रित साउण्ड रिकॉर्डिंग्स के स्वतन्त्र एवं स्टैण्ड-अलोन उपयोग को भी कवर करता है।


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News Editor

Deepender Thakur

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