दीन दयालु कोच से चोरी हो रहा सामान, RPF के पास रिकार्ड नहीं

Monday, Oct 23, 2017 - 10:15 AM (IST)

चंडीगढ़(लल्लन) : अनारक्षित टिकट यात्रियों के लिए रेलवे विभाग ने करोड़ों रुपए खर्च कर दीन दयालु कोच बनाए थे, लेकिन ट्रेनों के कोचों की सुरक्षा न होने के कारण कोच में लगे हुए स्टील के नल व वाटर फिल्टर चोरी हो गए हैं। 

 

जानकारी के अनुसार यात्रियों की सुविधा के लिए चंडीगढ़ से चलने वाली ऊंचाहार एक्सप्रैस तथा सद्भावना सुपरफास्ट में 4-4 कोच लगाए गए थे, लेकिन पुख्ता सुरक्षा इंतजाम न होने के चलते कोचों से सामान चोरी हो रहा है। 

 

कोच की जिम्मेदारी आर.पी.एफ. की :
सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी आर.पी.एफ. की होती है, परंतु कोचों के हालात देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि आर.पी.एफ. कर्मी कोचों की सुरक्षा करने में असफल हैं। चंडीगढ़ से चलने वाली हर ट्रेन में 2-2 आर.पी.एफ. के जवान तैनात किए जाते हैं, लेकिन वह ड्यूटी किस कोच में करते हैं यह पता ही नहीं चलता और सामान चोरी हो जाता है।

 

दीन दयालु कोच की विशेषताएं :
जानकारी के अनुसार यात्रियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए रेलवे विभाग द्वारा दीन दयालु कोच तैयार किए गए हैं। प्रत्येक दीन दयालु कोच को तैयार करने में 81 लाख रुपए खर्च किए गए। इस कोच में पीने का साफ पानी देने के लिए वाटर फिल्टर, बायोटायलेट की व्यवस्था, एल.ई.डी. लाइट्स, फायर एसिं्टग्यूसर विद एंटी थैप्ट अरेंजमैंट लगाना, हर कोच में 20 से अधिक मोबाइल चार्जर, कोच के भीतर एल्युमिनियम के कपोजिट पैनल लगाए गए हैं।

 

सी.सी.टी.वी. का प्रोजैक्ट भी फेल :
रेलवे ने चंडीगढ़ से चलने वाली 5 ट्रेनों में सी.सी.टी.वी.कैमरे लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी यह योजना अमल में नहीं लाई जा सकी। जिसके कारण रेलवे द्वारा यात्रियों के लिए लगाए गए उपकरण चोरों द्वारा आसानी से चुरा लिए जाते हैं। 

 

कोच असिस्टैंट भी नहीं है नियुक्त :
जब तक इन कोचों में कोच असिस्टैंट नियुक्त नहीं किए जाएंगे तब तक कोचों का ये ही हॉल होगा। जानकारी के अनुसार विभाग की तरफ से ए.सी.फास्ट क्लास में भी कोच असिस्टैंट लगाए गए हैं। जिसके कारण उसमें चोरी की संभावना कम होती है। इन कोचों में कोच असिस्टैंट नियुक्त होते तो यह सामान चोरी नहीं सकते हैं। 

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