आदेशों की पालना न करना हुआ दुभाग्र्यपूर्ण : डी.सी. के सैलरी निकलवाने पर कैट ने लगाई रोक

punjabkesari.in Tuesday, Oct 25, 2016 - 08:15 AM (IST)

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): एस्टेट ऑफिस से तहसीलदार रिटायर हुए सैक्टर-22 निवासी दविंद्र सिंह बलौरिया को पैंशन बेनिफिट्स जारी न करने को लेकर सैंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने सोमवार को डिप्टी कमिश्नर को आदेश किए कि तब तक वह अपनी सैलरी न निकलवाएं, जब तक डी.सी. ऑफिस कैट के आदेशों की पालना नहीं कर लेता। कैट ने अपने आदेशों में कहा है कि, ‘पर्याप्त अवसरों के बावजूद कैट के आदेशों की पालना नहीं हुई। वहीं डी.सी. पेशी पर निजी रूप से पेश होने के आदेशों की भी अवहेलना कर रहे हैं। यह काफी दुभाग्र्यपूर्ण है।’ 


ट्रिब्यूनल ने संबंधित कर्मियों के आचरण को लेकर आगे कहा कि, ‘यदि जिम्मेदार अथॉरिटी कोर्ट के आदेशों की पालना नहीं करेगी तो न्याय प्रणाली टूट जाएगी। प्रतिवादी पक्ष तब तक अपनी सैलरी नहीं निकालेंगे, जब तक कैट के आदेशों की पालना नहीं कर देते।’ दविंद्र सिंह बलौरिया द्वारा मामले में दायर अवमानना याचिका पर कैट ने यह आदेश दिए हैं। केस की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी और डी.सी. को आदेशों की पालना के लिए कहा गया है। इससे पहले कैट ने डी.सी. ऑफिस को जनवरी में आदेश दिए थे कि बलौरिया को उनके पैंशन बेनिफिट्स जारी करे। कैट के उन आदेशों की प्रतिवादी पक्ष द्वारा पालना न करने पर अवमानना याचिका दायर की गई थी। 


बलौरिया की मांग
केस में बलौरिया ने कैट में दायर केस में मांग की थी कि उनके पैंशन बेनिफिट्स प्रतिवादी पक्ष को जारी करने के आदेश दिए जाए जिनमें उनकी ग्रेच्यूटी भी शामिल है। बलौरिया वर्ष 1976 में पटवारी नियुक्त हुए थे जिसके बाद वर्ष 2014 में तहसीलदार रिटायर हुए थे। उन्होंने दावा किया था कि रिटायरमैंट तक उनके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई या आपराधिक केस दर्ज नहीं था। वहीं प्रतिवादी पक्ष ने कहा था कि विजीलैंस सेल में उनके खिलाफ दो विजीलैंस इंक्वायरीज लंबित थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 13 जनवरी को कै ट ने बलौरिया के हक में फैसला दिया था।  



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