महात्मा गांधी का संदेश देने के लिए साइकिल रैली कल
punjabkesari.in Thursday, Jan 27, 2022 - 09:32 PM (IST)
चंडीगढ़, (ब्यूरो) : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 74वें शहीदी दिवस के अवसर पर साइकिलगिरी ग्रुप और गांधी स्मारक भवन सैक्टर-16 चंडीगढ़ की ओर से 29 जनवरी को एक साईकिल रैली निकाली जा रही है। रैली का उद्देश्य गांधी जी के विचारों का प्रचार-प्रसार करना है और यह बताना है कि उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं।
साईकिल रैली प्रात: 7:30 बजे से 9:30 बजे तक गांधी स्मारक भवन से शुरू होकर 15-16 की लाइट्स से होते हुए 10-11 चौक, 2-3 सैक्टर, रॉक गार्डन, सुखना लेक, मध्य मार्ग, मटका चौक, 16-17 लाइटस वापस आकर गांधी स्मारक भवन सैक्टर-16 पहुंचेगी। रैली में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए गांधी स्मारक भवन के फोन नं-6284643488 पर कॉल कर सकते हैं। रैली का मार्गदर्शन साईकिलगिरी ग्रुप की प्रेजीडैंट डॉ. सुनैना बंसल करेंगी। रैली के लिए अपनी साईकिल लाना जरूरी है। रैली में कोविड के नियमों का पूर्ण पालन किया जाएगा। गांधी स्मारक भवन के निदेशक देवराज त्यागी ने बताया कि 30 जनवरी को भी महात्मा गांधी एवं अन्य शहीदों की याद में मौन, चरखा कताई, स्वच्छता अभियान, भजन राम धुन के अतिरिक्त श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया जाएगा।
साइकिलगिरी ग्रुप ने गणतंत्र दिवस को अलग अंदाज में मनाया। ग्रुप के सदस्यों ने जाबली से कसौली तक 26 किलोमीटर पैदल चलकर गणतंत्र दिवस पर स्वस्थ भारत के लिए फिटनैस को बढ़ावा देने का संदेश दिया। कड़ाके की ठंड और फिसलन भरी पगडंडियां उनके उत्साह को कम न कर सकीं। हाथों में तिरंगा लिए और देशभक्ति के गीत गाते हुए ग्रुप मैंबर ने ये ट्रैकिंग पूरी की। बच्चों से लेकर महिलाएं तक इस गौरवपूर्ण सफर का गवाह बनीं। चुनौती भरे इस रास्ते में हालांकि कुछ मैंबर रास्ता भी भटके, मगर स्थानीय ग्रामीणों की मदद से आखिरकार सभी सदस्यों ने ट्रैकिंग पूरी की। 3 घंटे में मैंबर कसौली पहुंचे जबकि वापस आने में मात्र 2 घंटे लगे। कसौली में ग्रुप मैंबरों ने हॉकी के जादूगर ध्यानचंद जी को श्रद्धांजलि दी और चर्च और स्थानीय बाजार का दौरा किया।
13 साल के अर्श होरा कहते हैं कि यह मेरी पहला ट्रैकिंग थी और मुझे बहुत मजा आया। ऐसा रोमांच मैंने पहले कभी महसूस नहीं किया। मैं अब से कोई भी ट्रैकिंग मिस नहीं करूंगा।
कई लोगों के लिए, यह पहली बार था, सुनक्षी की तरह, जो शुरुआत में बहुत घबराई हुई थी, लेकिन समूह के सदस्यों से थोड़ी प्रेरणा के साथ, वह शिखर पर पहुंचने वाले पहले लोगों में से थी।