अब साइबर केस की जांच करेगा क्राइम ब्रांच का ए.टी.एम. सैल

punjabkesari.in Thursday, Apr 13, 2023 - 08:44 PM (IST)

चंडीगढ़,(पांडेय): हरियाणा स्टेट क्राइम ब्रांच के चीफ ओ.पी. सिंह ने कहा कि साइबर ठगी कोई राकेट साइंस नहीं है, इंटरनैट और स्मार्टफोन्स की दुनिया में हर कदम पर आपको सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही लाखों की चपत लगवा सकती है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर हमने साइबर मोडस ऑपरेंडी पर एडवाइजरी भी जारी करते आ रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश स्तर पर साइबर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है।  ई.आर.एस.एस. 112 बिल्डिंग में आयोजित ट्रेङ्क्षनग सैशन के शुभारंभ के मौके पर ओ.पी. सिंह ने प्रशिक्षित होने आए राज्य अपराध शाखा के ए.टी.एम. सैल में तैनात पुलिसकर्मियों को आगे बढ़कर काम करने के लिए प्रेरित किया। गौरतलब है कि स्टेट क्राइम ब्रांच प्रदेश की साइबर नोडल संस्था है। प्रदेश में साइबर से जुड़े ट्रेङ्क्षनग मुद्दों से लेकर साइबर थानों के समन्वय व संचालन की जिम्मेदारी स्टेट क्राइम ब्रांच पर ही है।
 

 

 

-60 पुलिसकर्मियों को दी गई साइबर क्राइम इन्वैस्टीगेशन ट्रेङ्क्षनग
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पंचकूला स्थित ई.आर.एस.एस. 112 बिल्डिंग में ऑडिटोरियम में उक्त ट्रेङ्क्षनग सैशन का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न रैंक के अनुसंधानिक अधिकारी उपस्थित रहे। ट्रेङ्क्षनग सैशन साइबर एक्सपर्ट अंकुश कुमार ने आयोजित किया जिसमें ट्रेङ्क्षनग में शामिल सभी अधिकारी और कर्मचारियों को 1930 साइबर हैल्पलाइन पोर्टल पोर्टल में उपलब्ध टूल्स को समझाते हुए इसके प्रभावी उपयोग पर बल दिया। ट्रेङ्क्षनग में पोर्टल के संचालन के बारे में प्रशिक्षणाॢथयों को विस्तार से जानकारी दी गई। अंकुश कुमार ने बताया की साइबर हैल्पलाइन 1930 को पहले 155260 के नाम से जाता था लेकिन भारत सरकार द्वारा अप्रैल 2022 माह में इसको बदल दिया गया। साइबर हैल्पलाइन पुरे देश में लागू की जा चुकी है जहां पर आॢथक साइबर अपराध होते ही अपनी शिकायत दर्ज करवाने का प्रावधान है। 
 

 

 

-साइबर हैल्पलाइन की कार्यप्रणाली समझी
साइबर एक्सपर्ट अंकुश कुमार ने प्रशिक्षण के लिए आए पुलिसकर्मियों को साइबर हैल्पलाइन 1930 के संचालन के बारे में समझाया। ट्रेङ्क्षनग के दौरान बताया गया कि आॢथक अपराध होने कि स्थिति में पीड़ित अपनी शिकायत जैसे ही साइबर हैल्पलाइन पर कि जाती है उसी समय टीम 1930 फ्रॉड किए गए रुपयों को ब्लॉक करने के लिए बैंकिंग संस्थाओं व पेमैंट पोर्टल पर संपर्क करते है और पैसे को तुरंत फ्रीज करने के निर्देश दिए जाते है।  
 

 

 

-स्टेट क्राइम ब्रांच के ए.टी.एम. सैल में होगी साइबर क्राइम के केसों की तफ्तीश
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि स्टेट क्राइम ब्रांच में वर्तमान में 22 ए.टी.एम. सैल कार्यरत है। अब ए.टी.एम. सैल साइबर अपराध से संबंधित केस की तफ्तीश भी की जाएगी। ट्रेङ्क्षनग सैशन के दौरान ए.टी.एम. सैल में तैनात पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया पर होने वाले अपराधों के बारे में बताया गया। ट्रेङ्क्षनग सैशन के दौरान पुलिसकर्मियों को खाते में फ्रीज की गई पीड़ितों की रकम को वापस दिलवाने की एस.ओ.पी. के बारे में बताया गया। उसके अतिरिक्त पीड़ित की गाढ़ी कमाई जल्द से जल्द उसके खाते में वापस आए इसके लिए भी ट्रेङ्क्षनग दी गई ताकि केस को जल्दी सुझाया जा सके। वहीं साइबर एक्सपर्ट ने साइबर क्राइम के लेटैस्ट ट्रैंड्स के बारे में जानकारी दी।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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