ओला-उबर कंपनियों की टैक्सियों के कटेंगे चालान, जानें पूरा मामला

Friday, Dec 15, 2017 - 02:20 AM (IST)

चंडीगढ़, (विजय गौड़) : पड़ोसी राज्यों से आने वाली ओला और उबर कंपनी की टैक्सियों के खिलाफ चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट सख्त कार्रवाई करने जा रहा है। डिपार्टमैंट की ओर से स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (एस.टी.ए.) को साफ निर्देश जारी किए गए हैं कि पंजाब और हरियाणा से रजिस्टर्ड ओला और उबर कंपनी की टैक्सियों के चालान काटने का सिलसिला शुरू किया जाए।

 यह फैसला कुछ दिन पहले हुई डिपार्टमेंट की मीटिंग में लिया गया। दरअसल मीटिंग में यह सामने आया कि नियम के तहत जो परमिट इन कंपनियों को लेने थे वह नहीं लिए गए हैं। इसलिए एस.टी.ए. को ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर इन टैक्सियों के चालान काटने चाहिए।

जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में लगभग तीन हजार टैक्सियां इन कंपनियों की चल रही हैं, लेकिन ये फीस अदा नहीं की गई। इस कारण अब इन टैक्सियों के चालान काटने को लेकर कहा गया है। इस फैसले के बाद एस.टी.ए. जल्द ही विशेष अभियान शुरू करके पंजाब और हरियाणा से रजिस्टर्ड टैक्सियों के चालान काटने की कार्रवाई शुरू करने जा रही है।

3 माह के लिए एंट्री फीस 1000 रुपए

प्रशासन की ओर से वैब बेस्ड टैक्सियों के लिए जो पॉलिसी नोटिफाई की गई है उसमें साफ कहा है कि एक टैक्सी तीन महीनों के लिए परमिट लेगी, जिसकी फीस 1000 रुपए तय की गई है। लेकिन अब पंजाब और हरियाणा से जो टैक्सियां इन कंपनियों की आ रही हैं उनके लिए ये एंट्री फीस जमा ही नहीं करवाई गई है। पंजाब और हरियाणा नंबर की गाडिय़ां चंडीगढ़ में ही ऑपरेट की जा रही हैं। अलग-अलग जगहो यहीं पर ये गाडिय़ां खड़ी रहती हैं, लेकिन बावजूद इसके इन पर कार्रवाई नहीं की जा रही थी।

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