पी.यू के वी.सी. प्रो. राजकुमार ने दिया पद से इस्तीफा
punjabkesari.in Monday, Jan 16, 2023 - 09:33 PM (IST)

चंडीगढ़, (रश्मि हंस):पंजाब यूनिवर्सिटी (पी.यू.) के वी.सी. प्रो. राजकुमार ने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब उनकी जगह डी.यू.आई. प्रो. रेणु विज वी.सी. का ऑफिशिएटिंग चार्ज संभालेंगी। वह पी.यू. की पहली महिला वी.सी. होंगी। नियमों के तहत वी.सी. की अनुपस्थिति में डी.यू.आई. ही चार्ज संभालता है। वह पी.यू. की सीनियर मोस्ट महिला हैं और डी.यू.आई. का चार्ज भी सीनियर मोस्ट प्रोफैसर को ही दिया जाता है। ध्यान रहे कि विरोधी ग्रुप द्वारा लगातार प्रो. राजकुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे थे। इसके बाद ही उन्होंने वी.सी. पद से इस्तीफा देने का मन बनाया।
जानकारी के मुताबिक प्रो. राजकुमार ने 10 जनवरी को चांस्लर व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को अपना इस्तीफा दे दिया था। वहीं, 13 जनवरी को इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया था। बनारस हिंदु यूनिवर्सिटी, वाराणसी में मैनेजमैंट के प्रोफैसर रहे प्रो. राजकुमार ने पूर्व चांस्लर व पूर्व उपराष्ट्रपति वैकेंया नायडु की टर्म में सत्र 2018 में 23 जुलाई को बतौर वाइस चांस्लर ज्वाइन किया था। साढ़े चार वर्ष की टर्म पूरी करने के बाद प्रो. राजकुमार ने 10 जनवरी को इस्तीफा दे दिया था।
ध्यान रहे कि वी.सी. की टर्म कुल तीन वर्ष की होती है। जबकि आमतौर पर वी.सी. को तीन वर्ष की एक्सटैंशन दे दी जाती है। प्रो. राजकुमार की जुलाई सत्र 2023 में कैम्पस में पांच वर्ष की टर्म पूरी हो जाती।
नहीं सुनी जा रही थी प्रो.राजकुमार की
ध्यान रहे अगस्त माह के बाद से ही सीनेटर और भाजपा नेता के साथ कैम्पस में डायरैक्टर रिसर्च की नियुक्ति के बाद से ही कुछ बन नहीं रही थी। इसके बाद सीनेटर व भाजपा नेताप देवेश मोदगिल द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों और इंस्पैक्शन कमेटी मेें ज्यादा बार प्रोफैसरों को भेजने को लेकर चांस्लर व उपराष्ट्रपति धनखड़ के पास भेजे शिकायती पत्र के बाद से विवाद बढ़ता जा रहा था। प्रो. राजकुमार के इस्तीफे के पीछे एक कारण चांस्लर व उपराष्टपति धनखड़ और सीनेटर व सीनियर भाजपा नेता का काफी करीब होना भी माना जा सकता है, क्योंकि जाने से पहले प्रो. राजकुमार ने इतना ही कहा कि परिस्थितियां काफी बिगड़ गई थी। उन्हें सुना ही नहीं जा रहा था। इसलिए उन्होंने इस्तीफा देना ही मुनासिब समझा।
नए वीसी की नियुक्ति हो सकती है जल्द
पी.यू. के लिए नए वी.सी. की नियुक्ति जल्द हो सकती है। वी.सी. की नियुक्ति पी.यू. के चांस्लर की ओर से गठित की जाने वाली सर्च कमेटी द्वारा की जाती है। सर्च कमेटी की ओर से इस पद को तीन माह में भरना होता है।
पी.यू. के लिए आया नया मोड़- सीनियर बीजेपी नेता
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि आज जो हुआ है वह कैम्पस से भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पहला कदम उठाया गया है। कैंपस से काला अध्याय समाप्त हो गया है और पी.यू. के लिए नया मोड़ आया है। उन्होंने कहा कि कैम्पस अकेदमिक माहौल होना चाहिए। यहां पर किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पहले सीनेट की नोमिनेशन व बाद में सिंडीकेट के चुनाव लेट हुए। अब डीन के चुनाव भी नहीं करवाए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि कैंपस में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने के मुताबिक करप्शन को जीरो प्रतिशत भी बर्दाशत नहीं किया जाएगा।
भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच होगी या नहीं, लगा सवालिया निशान
सीनेटर व वरिश्ठ भाजपा नेता ने कहा कि अभी तक प्रो. राजकुमार पर जो भी आरोप लगे हैं, उनकी जांच चांस्लर ऑफिस की ओर से करवाई जाएगी या नहीं इस बारे में अभी कुछ नहीं कह सकता हूं। उन्होंने कहा कि प्रो. राजकुमार आर.एस.एस. से थे या नहीं, मैं इस बारे में नहीं कह सकता। इतना जरूर कह सकता हूं कि आर.एस.एस. के लोग ईमानदार होते हैं। मौजूदा वी.सी. को चुनने में शायद सिस्टम का एक्सपेरीमेट फेल हो गया हो, लेकिन हमेशा ऐसा हो यह जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि पी.यू. की रैंकिंग गिर रही थी और जो साख खराब हो रही थी, वह अब बच जाएगी।
नए वी.सी. के तौर पर निटर के डायरैक्टर का नाम पर चर्चा
सूत्रों के मुताबिक सैक्टर-26 स्थित नैश्नल इंस्टीटीयूट ऑफ टैक्नीकल टीचर ट्रेनिंग एंड रिसर्च (निटर) चंडीगढ़ के डायरैक्टर एस.एस. पटनायक नए वी.सी. हो सकते हैं। कैंपस में उनके नए वी.सी. के तौर नियुक्त होने पर कयास लगे रहे। हालांकि यह सर्च कमेटी की ओर से ही फाइनल किया जाएगा कि पी.यू. के नए वी.सी. अब कौन होंगे।