सी.टी.यू. को रोजाना लाखों का फटका
punjabkesari.in Friday, Jul 15, 2016 - 11:19 AM (IST)

चंडीगढ़, (विजय गौड़) : शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए एक तरफ तो चंडीगढ़ प्रशासन वल्र्ड बैंक के अतिरिक्त विदेशों से मदद मांग रहा है लेकिन दूसरी कुछ गलत फैसलों की वजह से रोजाना लाखों रुपए के रैवेन्यू से हाथ धो रहा है। पिछले 14 दिनों से लांग रूट की 45 बसें चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सी.टी.यू.) के डिपो में बंद पड़ी हैं। ये 45 बसें 30 जून से रूट पर नहीं उतर पाई हैं लेकिन प्रशासन बसों को यह कहकर रूट पर नहीं उतार रहा है कि ये बसें अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं। नई बसें खरीदने का प्रोपोजल पिछले कई महीने से अधिकारियों की टेबल में घूम रहा है, मगर अभी तक इस पर मोहर नहीं लग पाई है। जिन 45 बसों को रूट से हटाया गया है उनमें से हरेक बस सी.टी.यू. के लिए लगभग 10 हजार रुपए की कमाई करती थी। इस तरह सी.टी.यू. को इन 14 दिनों में लगभग 63 लाख रुपए का नुक्सान उठाना पड़ा है। खास बात यह है कि नुक्सान का आंकड़ा आने वाले दिनों में और बढ़ेगा। जब तक नई बसें नहीं आ जातीं या फिर से पुरानी बसों को ठीक करवाकर रूट पर नहीं उतारा जाता, तब तक यह नुक्सान जारी रहेगा।
219 बसों की शॉर्टेज
इस समय सी.टी.यू. लगभग 219 बसों की शॉर्टेज झेल रहा है। लगभग 2 साल पहले सी.टी.यू. ने लांग रूट से लगभग 80 बसें हटा दी थीं। इन सभी बसों को लोकल रूट पर चलाया जाने लगा, क्योंकि उस समय लोकल के लिए बसों की शॉर्टेज हो गई थी। मगर अब सी.टी.यू. के पास 500 बसें हैं। इसके बावजूद जो बसें अधिक कमाई करती हैं वहां से उन्हें हटाए जाने का सिलसिला जारी है।
प्राइवेट ट्रांसपोर्टर उठा रहे फायदा
सी.टी.यू. की बसें लांग रूट से हटने का पूरा फायदा प्राइवेट ट्रांसपोर्टर उठा रहे हैं। आई.एस.बी.टी. सैक्टर-43 में बस स्टैंड के ठीक सामने काफी संख्या में प्राइवेट बसें चंडीगढ़ की सवारियों को ले जाती हैं। यानि जो रैवेन्यू सी.टी.यू. को मिलना था, अब वह सारा प्राइवेट ट्रांसपोर्टर्स की जेब में जा रहा है।
100 बसों के लिए आ चुकी 10 करोड़ की ग्रांट
सी.टी.यू. ने इन बसों को रूट से हटाने की प्लानिंग पहले ही कर दी थी। यही वजह है कि नई बसों को खरीदने के लिए केंद्र सरकार से ग्रांट मांगी गई थी। केंद्र ने मार्च में ही 100 बसों को खरीदने के लिए ग्रांट भेज दी थी। अप्रैल में इन बसों को खरीदने के लिए प्रोपोजल तैयार करके सी.टी.यू. की ओर से अधिकारियों के पास भेज दिया गया था लेकिन अभी तक नई बसों को खरीदने पर फैसला नहीं लिया गया। यही नहीं, पूरी प्रक्रिया इतनी लंबी है कि आने वाले कुछ महीनों में भी चंडीगढ़ को लांग रूट के लिए नई बसें नहीं मिल पाएंगी।
कई रूट पर चलती थीं बसें
सी.टी.यू. ने जिन बसों को रोकने का फैसला लिया है, ये सारी लांग रूट की बसें अमृतसर, जम्मू, लुधियाना, रोपड़, बद्दी, रोहतक और सफेदों सहित कई अन्य जगहों पर सवारियों को लेकर जाती थीं। जून तक इन रूट पर तीन बसें चलती थीं लेकिन अब केवल एक ही बस से सी.टी.यू. काम चला रहा है।
किरण खेर ने भी उठाया मुद्दा
शहर की सांसद किरण खेर भी इस नई बसों को खरीदने के मुद्दे को चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष उठा चुकी हैं। खेर ने एक लैटर लिखकर अधिकारियों को जल्द नई बसों की खरीद के लिए कहा था। सी.टी.यू. वर्कर्स यूनियन भी यह मुद्दा अधिकारियों के सामने उठा चुकी है।