करोड़ों खर्चे, फिर भी साइकिल ट्रैक पर रिस्क

Monday, Mar 25, 2019 - 11:16 AM (IST)

चंडीगढ़ (विजय) : लगभग एक वर्ष पहले चंडीगढ़ प्रशासन ने दक्षिणी सैक्टर्स में साइकिलिंग की कनैक्टिविटी सुधारने करने के लिए 1.43 करोड़ रुपए साइकिल ट्रैक्स पर खर्च किए थे। लगभग 24 सैक्टर्स के साइकिल ट्रैक्स या तो नए बनाए जाने थे या फिर जितने भी गैप आए हैं उन्हें ठीक किया जाना था। 

 

लेकिन स्थिति आज ऐसी बन चुकी है कि आधा चंडीगढ़ अभी भी साइकिल फ्रैंडली नहीं बन पाया है। शहर के वी.आई.पी. एरिया को छोड़ दिया जाए तो बाकी जगह यह प्रोजैक्ट शुरू होने से पहले ही दम तोड़ रहा है। यहां बात हो रही है उन साइकिल ट्रैक की, जहां बिना किसी प्लानिंग के बस पानी की तरह पैसा खर्च किया जा रहा है। 

 

इसकी वजह से सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि इन साइकिल ट्रैक का इस्तेमाल आखिर करेगा कौन? सैक्टर-38, 40, 41, 42, 43, 45, 51 और 55 सहित कई दक्षिणी सैक्टर्स ऐसे हैं, जहां अभी या तो साइकिल ट्रैक बनाए ही नहीं गए या फिर अधूरे छोड़ दिए गए। इसका नतीजा यह हुआ कि लोगों की जेब से टैक्स के रूप में वसूल किए गए करोड़ों रुपए अधूरे प्रोजैक्ट पर लगा दिए गए। 

पब्लिक बाइक शेयरिंग प्रोजैक्ट पर पड़ेगा असर
चंडीगढ़ शहर को पॉल्यूशन फ्री बनाने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन पब्लिक बाइक शेयरिंग सिस्टम पर तेजी से काम कर रहा है। इस प्रोजैक्ट पर भी 20 करोड़ से अधिक राशि खर्च की जानी है। लेकिन यह प्रोजैक्ट तभी संभव हो पाएगा, जब साइकिल ट्रैक्स की कनैक्टिविटी बेहतर होगी। 

 

शहर के अधिकांश हिस्से में साइकिल ट्रैक अभी तक बन ही नहीं पाए हैं। प्रशासन की प्लानिंग है कि लोग साइकिल को भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की तरह इस्तेमाल करे मगर जिस तरह से साइकिल ट्रैक ही खस्ताहाल हैं, ऐसे में यह प्रोजैक्ट कैसे सिरे चढ़ पाएगा?

 

हाईकोर्ट की सख्ती के बावजूद ट्रैक पर हो रही पार्किंग
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों के बावजूद साइकिल ट्रैक्स पर न तो वाहनों का चलना रुक रहा है और न ही इस प्रोजैक्ट का सही इस्तेमाल हो पा रहा है। 

 

कई सैक्टर्स के साइकिल ट्रैक वाहनों को पार्क करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। यही नहीं, घरों का कंस्ट्रक्शन मैटीरियल भी ट्रैक पर फैंका जा रहा है। इसकी वजह से साइकिलिस्ट की जान को भी खतरा हो सकता है।

पेड़ों की प्रूनिंग की और ट्रैक पर छोड़ दी टहनियां
साइकिल ट्रैक्स में साइकिलिस्ट का सफर सुरक्षित बनाने के लिए पेड़ों की प्रूनिंग तो की जा रही है लेकिन उन्हें वहां से हटाने की जहमत कोई नहीं उठा रहा है। सैक्टर-43 और 42 की डिवाइडिंग रोड पर साइकिल ट्रैक में पेड़ों की टहनियां पिछले कई दिनों से गिरी हुई हैं। इस कारण वहां से साइकिलिस्ट के गुजरने की कोई जगह ही नहीं बची। 

 

जून, 2019 तक का लक्ष्य किया था तय
साइकिल ट्रैक पर स्ट्रीट लाइट्स न होने के मामले में हाईकोर्ट पहले ही फटकार लगा चुका है। इस मामले में फजीहत झेलने के बाद पिछले साल अगस्त में निगम कमिश्नर ने हाईकोर्ट में जानकारी दी थी कि पूरे शहर में साइकिल ट्रैक बनाने का काम जून 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि स्ट्रीट लाइट्स 

लगाने के लिए थोड़ा समय और मांगा गया था। यह काम निगम और प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा। जिसके लिए दिसम्बर 2019 की डैडलाइन तय की गई है। लेकिन मौजूदा हालात देखते हुए लगता नहीं कि साइकिल ट्रैक्स को कंप्लीट करने का लक्ष्य इस साल जून तक पूरा हो पाएगा।

 

फ्लॉप हो रहे पेवर से बने ट्रैक
प्रशासन का साइकिल ट्रैक बनाने का कांसेप्ट भी क्लियर नहीं है। वी.आई.पी. एरिया में तो लगभग सभी साइकिल ट्रैक ठीक उसी प्रकार बनाए गए हैं जैसी अन्य सड़कें तैयार की गई हैं। लेकिन दक्षिणी सैक्टर्स में कई जगहों पर पेवर ब्लॉक्स लगाकर काम चलाया जा रहा है। 

 

यही वजह है कि ये साइकिल ट्रैक अधिक दिन तक नहीं चल पा रहे हैं। यही नहीं, सैक्टर-19 और 20 के साइकिल ट्रैक में इस्तेमाल पेवर थोड़े ही समय में टूटने लगे हैं। इन पर साइकिल चलाने से लोग कतराने लगे हैं।

 

एक साल में करोड़ों खर्च
-सैक्टर-31 से लेकर 56 तक के साइकिल ट्रैक में जितने भी गैप आए हैं, उन पर साइकिलिस्ट को रास्ता दिए जाने के लिए 1.43 करोड़ रुपए खर्च किए।
-विज्ञान पथ से लेकर सुखना लेक तक के साइकिल टै्रक को दुरुस्त करने के लिए 6.50 लाख रुपए खर्च हुए।
-जंक्शन नंबर-18, 19, 20, 21, 22 से साइकिल ट्रैक निकालने के लिए 45 लाख रुपए का खर्चा किया गया।
-जंक्शन नंबर-38 से 43 तक पैदल चलने वालों के लिए रास्ता और साइकिल ट्रैक बनाने पर 96 लाख रुपए पानी की तरह बहा दिए गए।
-पंजाब राज भवन के सामने की वी.-4 सड़क पर साइकिल ट्रैक बनाने के लिए 40 लाख का खर्चा हुआ।
-मलोया के वी.-4 रोड पर बनाए गए साइकिल ट्रैक पर 51 लाख रुपए खर्च किए गए।
-सुखना लेक से लेकर मध्य मार्ग तक के साइकिल ट्रैक में स्ट्रीट लाइट्स लगाने पर 3.32 करोड़ रुपए खर्च हुए।
-अब 3.32 करोड़ ही मध्य मार्ग से दक्षिण मार्ग (वर्टिकल) के साइकिल ट्रैक्स की लाइट्स पर खर्च किए जाएंगे।
-शांति पथ से लेकर मोहाली की तरफ चंडीगढ़ की बाऊंड्री तक लाइट्स लगाने पर 2.49 करोड़ रुपए खर्च किए जाने की तैयारी है।
-दक्षिण मार्ग, उद्योग पथ और शांति पथ (हॉरिजेंटल) के साइकिल ट्रैक पर लाइटिंग के लिए 3.43 करोड़ रुपए का खर्चा किया जाएगा।

pooja verma

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