सरकार को खनन कार्यों से 1022.63 करोड़ का राजस्व मिला

punjabkesari.in Friday, Apr 02, 2021 - 08:22 PM (IST)

चंडीगढ़, (बंसल): हरियाणा के खान एवं भू-विज्ञान मंत्री मूलचंद शर्मा द्वारा प्रदेश में खनन माफिया के खिलाफ अख्तियार किए गए कड़े रुख और खनन गतिविधियों को सुचारू बनाने के मकसद से विभाग में किए गए सुधारों का असर दिखना शुरू हो गया है। यही कारण है कि कोविड-19 के काले साये के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान सरकार को खनन कार्यों से 1022.63 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 31 प्रतिशत ज्यादा है।

 


मूलचंद शर्मा ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया है और खनन गतिविधियों पर भी इसका असर पडऩा लाजिमी है, लेकिन गत वर्ष लॉकडाऊन के चलते 26 दिनों तक खनन कार्य पूरी तरह से बंद रहने के बावजूद 1022.63 करोड़ रुपए का राजस्व मिलना अपने-आपमें बहुत बड़ी बात है। उन्होंने बताया कि विभाग के इतिहास में यह पहला मौका है, जब माइङ्क्षनग कार्यों से राजस्व ने 1000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया है। वर्ष 2019-20 के दौरान खनन कार्यों से 702.25 करोड़ रुपए जबकि 2018-19 के दौरान 583.21 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ था। 


‘अवैध खनन रोकने के लिए स्पैशल इनफोर्समैंट टीम का गठन किया’
मंत्री ने कहा कि विभाग में हरेक स्तर पर निगरानी और सर्वेलांस सिस्टम को बढ़ाया गया है। सरकार के स्तर पर लंबित अपीलों के निपटान में तेजी लाई गई है। इसके अलावा, ठेकेदारों व पट्टाधारकों की तरफ बकाया राशि की वसूली पर फोकस किया गया है। मूलचंद शर्मा ने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए 55 पुलिस अधिकारियों और विभाग के कर्मचारियों को मिलाकर स्पैशल इनफोर्समैंट टीम (एस.ई.टी.) का गठन किया गया है।

उन्होंने कहा कि खनिजों की ढुलाई के लिए ई-रवाना प्रणाली अवैध खनन तथा ढुुलाई पर अंकुश लगाने में काफी हद तक कारगर साबित हो रही है। खनिज निकालने और इसकी प्रोसैसिंग करने वाली इकाइयों को भी इस प्रणाली के साथ जोड़ा गया है। इसके अलावा, खनिज से भरे वाहनों का पंजीकरण आवश्यक कर दिया गया है। अब सिर्फ वाहन की लोङ्क्षडग कैपेसिटी के हिसाब से ही खनिज लोड किया जाएगा जिससे वाहनों की ओवरलोङ्क्षडग पर रोक लगेगी।


‘छोटी खनन इकाइयों या ब्लॉक्स को ठेके पर देने का निर्णय लिया’
मूलचंद शर्मा ने बताया कि पहले बड़े-बड़े खनन ब्लॉक का ठेका दिया जाता था लेकिन मौजूदा सरकार ने इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने तथा छोटे उद्यमियों को भी मौका देने के इरादे के साथ छोटी खनन इकाइयों या ब्लॉक्स को ठेके पर देने का निर्णय लिया। साथ ही, खनन इकाइयों को पट्टे या ठेके पर देने की प्रक्रिया में पारदॢशता सुनिश्चित करने के मकसद से ई-नीलामी शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि जिला फरीदाबाद में यमुना रेत की 4 खानों की नीलामी जल्द करवाई जाएगी। इसके अलावा अन्य जिलों में भी खाली खानों की ग्राऊंड ट्रूङ्क्षथग करवाकर उनकी नीलामी करवाने की प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है।


‘तीन गुणा तक खनिज स्टॉक करने की अनुमति दी गई’
मूलचंद शर्मा ने कहा कि रिवरबैड खनन ठेकेदारों को अनुबंधित क्षेत्र के भीतर औसत मासिक उत्पादन का तीन गुणा तक खनिज स्टॉक करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार नदी के किनारे के क्षेत्रों में भूमि मालिकों को मुआवजे की राशि के अग्रिम निर्धारण के लिए व्यवहार्यता की जांच करेगी। हालांकि पंचायती जमीन के मामले में उपरोक्त राशि वाॢषक डेड रेंट/कांट्रैक्ट मनी का 10 प्रतिशत होगा।
 


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News Editor

Vikash thakur

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