मोस्ट वांटेड के सिर पर ईनाम, फिर भी अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर

Tuesday, Dec 12, 2017 - 11:01 AM (IST)

चंडीगढ़(सुशील) : जो अपराधियों चंडीगढ़ पुलिस की पकड़ से दूर हो जाते हैं पुलिस उन्हें मोस्ट वांटेड की लिस्ट में डाल देती है। साथ ही पुलिस इनका सुराग देने के लिए आम जनता से मदद मांगते हुए सुराग देने वालों को ईनामी राशि भी देने का वायदा करती है। 

 

इसके बाद भी पुलिस को अपराधियों का सुराग नहीं मिल पाता। अंत में चंडीगढ़ पुलिस मोस्ट वांटेड के नाम फाइल और पुलिस की वैबसाइट पर लगाकर पल्ला झाड़ लेती है। चंडीगढ़ पुलिस इसके बाद इन आरोपियों को पकडऩे की तरफ ध्यान नहीं देती, जिसका लाभ अपराधियों को मिलता है। 

 

इनकी है तलाश :
चंडीगढ़ पुलिस विदेशी महिला से 71 लाख रुपए की ठगी कर चुके मोस्ट वांटेड सीमा कुटीन और रेणु कुटीन की तलाश नहीं कर सकी। चंडीगढ़ पुलिस को दोनों बहनों की 2013 से तलाश है। पुलिस ने उनका सुराग देने वालों के लिए 25 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया था पर अभी तक उनका सुराग नहीं मिल पाया है। अब भी दोनों बहनें चंडीगढ़ पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में बनी हुई हैं। 

 

इसके अलावा सैक्टर-22 स्थित करण ज्वैलर्स की दुकान पर 2015 में एक युवक सैल्समैन को गोली मारकर सोने के ब्रेसलैट लेकर फरार हो गया था। पुलिस ने युवक की फोटो सी.सी.टी.वी. फुटेज से निकाली और काफी तलाशा पर कोई जानकारी हाथ नहीं लगी। 

 

अंत में पुलिस ने आरोपी को मोस्ट वांटेड लिस्ट में डालकर 50 हजार रुपए का ईनाम घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस ने हरियाणा स्थित हिसार के माडल टाऊन निवासी आशीष गोयल और सुमिता गोयल को भी धोखाधड़ी मामले में मोस्ट वांटेड में डालकर उन पर 25 हजार रुपए का ये इनाम रख दिया। 

 

आकांक्ष मर्डर केस में मुख्य आरोपी भी गिरफ्त से बाहर :
वहीं पुलिस ने हिमाचल के सी.एम. की पत्नी के भतीजे आकांक्ष को बी.एम.डब्ल्यू. गाड़ी से कुचलकर हत्या करने वाला मुख्य आरोपी बलराज सिंह रंधावा को जब पुलिस पकड़ नहीं पाई तो उस पर भी 50 हजार रुपए का ईनाम रख दिया। पुलिस जल्द ही उसे भी मोस्ट वाटेंड लिस्ट में डालने जा रही है। 

 

इसके अलावा सैक्टर-38 वैस्ट स्थित गुरूद्वारे के बाहर होशियारपुर स्थित खुरदा गांव के सरपंच सतनाम सिंह की सरेआम गोली मारकर पंजाब के गैंगस्टर दिलप्रीत, हरिन्द्र सिंह उर्फ आकाश और हरिंद्रर सिंह उर्फ रिंडा फरार हो गए थे। मलोया थाना पुलिस ने गैंगस्टर पर केस दर्ज कर उन्हें भगौड़ा घोषित क रवाकर 50 हजार इनाम रखा था। 

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